कश्मीर में परिवार ने डाले पांच वोट, बदले में आतंकियों ने बुजुर्ग को मारी 5 गोलियां

नई दिल्ली। लोकतंत्र के महापर्व में मतदान का प्रयोग करना सबका अधिकार है। इसके लिए निर्वाचन आयोग लोगों को जागरूक करता ही है साथ ही साथ राजनीतिक दल भी प्रचार-प्रसार के दौरान मतदाताओं से बढ़-चढ़ कर मतदान करने की अपील करते हैं।

लोकसभा चुनाव 2019 कई अच्छी-बुरी घटनाओं के लिए याद किया जाएगा. नेताओं की बयान बाजी से इतर हिंसा की घटनाओं ने भी लोकतंत्र के इस त्यौहार में खलल डालने की कोशिश की. इसी हिंसा से जुड़ी एक खबर जम्मू और कश्मीर से आई है। राज्य स्थित कुलगाम के जंगलपोरा में पीडीपी के कार्यकर्ता मोहम्मद जमाल यह जानते थे कि इस बार वोट डालना मुश्किल होगा उसके बावजूद भी वह और उनका परिवार मतदान करने गया।

29 अप्रैल को मतदान वाले दिन जमाल की तबीयत ठीक नहीं थी ऐसे में वह वोट डालने नहीं जा सके लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की कि उनका परिवार मताधिकार का इस्तेमाल करे. उनके गांप में 500 घर हैं लेकिन केवल 7 वोट ही डाली गईं. इनमें पांच वोट सिर्फ जमाल के घर से थीं।

जमाल के परिवार ने बताया कि खराब परिस्थितियों में भी वह शांतिपूर्वक मतदान कर के लौटे थे. लेकिन ये शांति बहुत दिन तक बरकरार नहीं रह सकी. जमाल को पांच गोलियां मारी गईं. दो गोलियां पेट में, दो उनके दोनों बाजुओं पर और 1 उनकी नाक पर. यह घटना बीते रविवार यानी 19 मई को पेश आई. इफ्तारी के डेढ़ घंटे बाद हुई इस घटना से जमाल के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

जमाल के रिश्तेदार तारिक अहमद भट ने बताया कि उन्हें इसलिए गोली मारी गई क्योंकि चुनाव में उनके परिवार ने वोट किया था. उन्होंने कहा, ‘उनकी (जम्माल) हत्या के पीछे का सिर्फ एक ही कारण है कि उनके परिवार ने मतदान किया जबकि और घरों के लोग नहीं गए.’ भट ने कहा, कि यह आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच की लड़ाई है. एक शख्स जिसकी अपनी राजनीतिरक समझ है उसे इस तरह से मार नहीं दिया जाना चाहिए।

पुलिस ने कहा कि आतंकियों ने जम्माल की हत्या इसलिए की है ताकि अगले चुनावों के लिए लोगों के बीच इलाके में भय बना रहे. हालांकि, किसी भी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली।

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