जाकिर नाईक के खातों में अज्ञात ‘हितैषियों’ ने भेजे करोड़ों रुपये : ईडी

मुस्लिम युवकों को आतंकवाद के प्रति भड़काने वाले नफरत भरे उपदेशों की वजह से विवादों में घिरे इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक ने अपने निजी और ट्रस्ट के बैंक खातों में अज्ञात ‘हितैषियों’ से कई सालों तक करोड़ों रुपये हासिल किए। इसका खुलासा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में हुआ है।

ईडी ने कहा है कि नाईक के चैरिटी ट्रस्ट इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को कथित तौर पर चंदे और जकात के रूप में घरेलू और विदेशी दानकर्ताओं से पैसा मिला। चंदा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, बहरीन, कुुवैत, ओमान और मलयेशिया सहित कई अन्य देशों से भी मिला है। अपनी जांच रिपोर्ट में ईडी ने कहा कि आईआरएफ के कई बैंक खाते हैं जिसमें दानकर्ताओं से मिला चंदा जमा किया जा रहा था। इन खातों का नियंत्रण खुद 53 वर्षीय जाकिर अब्दुल करीम नाइक के हाथों में था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बैंक खाते सिटी बैंक, डीसीबी बैंक लिमिटेड और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में हैं। आईआरएफ द्वारा हासिल की गई ज्यादातर रकम घरेलू और विदेशी दानकर्ताओं की ओर से चंदे या जकात के रूप में है। यह पैसा बैंकिंग माध्यमों से प्राप्त की गई थी। नाइक जांच से भाग रहा है और अभी उसके मलयेशिया में होने की बात कही जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, दानकर्ता अज्ञात हैं क्योंकि रसीदों में उनके नाम ‘शुभचिंतक’ लिखे हुए हैं। चंदे केवल नगदी में है, इसलिए रसीदों पर सिर्फ दानकर्ताओं के नाम हैं और उनमें उनके संपर्क के ब्योरे का खुलासा नहीं किया गया। इससे बोगस या फर्जी प्रविष्टियों का संदेह है।

65 करोड़ रुपये की धनराशि आई
रिपोर्ट में कहा कि 2003-04 से 2016-17 तक आईआरएफ के बैंक खातों में करीब 65 करोड़ रुपये की धनराशि आई। नाइक ने 2012 और 2016 के बीच यूएई से मुंबई की माजगांव ब्रांच के अपने निजी खाते में 49.20 करोड़ की राशि हासिल की। यूएई में उसकी आय के स्रोत का कुछ भी पता नहीं है। ईडी ने कह कि धनराशि में से ज्यादातर का इस्तेमाल ‘शांति सम्मेलनों’ के आयोजन, बड़े उपकरणों की खरीद, वेतन भुगतान एवं अन्य मदों में किया गया। नाइक का ट्रस्ट आईआरएफ हर साल ‘शांति सम्मेलन’ कराता था। इन सम्मेलनों के दौरान भड़काऊ भाषण दिए जाते थे और धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता था।

धन का इस्तेमाल संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की खरीद में
ईडी ने कहा कि अज्ञात दानकर्ताओं से हासिल रकम के स्रोत पर अब भी संदेह है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत हाल ही में मुंबई की एक कोर्ट में नाइक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि उसने कथित तौर पर गलत तरीके से अर्जित किए गए धन का इस्तेमाल देश में संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की खरीद में किया।

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