एनडीए की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद आपके लोन की ब्याज दरों में और कमी हो सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) छह जून को इसके बारे में घोषणा कर सकता है। इस दिन केंद्रीय बैंक अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा।
रेपो रेट में हो सकती है इतनी कमी
पहली बार रेपो रेट 25 के गुणांक में कम नहीं होगा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक 35 बेसिस प्वाइंट तक की कमी कर सकता है। केंद्रीय बैंक अपनी तरफ से हर तरह की कोशिश कर रहा है, जिससे बाजार में पूंजी की तरलता कायम रहे।
फिलहाल यह है रेपो रेट
अभी रेपो रेट छह फीसदी पर है। दास ने कहा कि वो रेपो रेट पर फैसला लेंगे कि उनको और कम किया जाए, ताकि लोगों को इसका फायदा मिले। हालांकि अगर किसी और पार्टी की सरकार बनती तो फिर वो ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला भी ले सकते हैं।
अभी कुछ बैंकों ने घटाया ब्याज दर
हालांकि आरबीआई द्वारा अप्रैल में रेपो रेट घटाने के बाद कुछ ही बैंकों ने इसका लाभ लोगों को दिया था। सिंडीकेट बैंक के एमडी और सीईओ मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अन्य बैंकों को भी अपने ब्याज दरों में कमी करनी चाहिए, ताकि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई कमी का लाभ सभी लोगों को मिल सके।
महंगाई दर है कम
फिलहाल महंगाई दर भी चार फीसदी से कम है। ऐसे में केंद्रीय बैंक के पास अभी भी महंगाई को कम करने के लिए रेपो रेट में कमी करने की गुंजाइश है। हालांकि उपभोक्ता आधारित महंगाई दर (सीपीआई) अप्रैल में बढ़कर छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान खुदरा महंगाई में मामूली इजाफा हुआ है, लेकिन यह छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
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