लोकसभा में हेमा मालिनी प्रमुखता से उठायीं मथुरा की पेयजल समस्या

सांसद पर हुआ यूनिक समय की खबर का असर
यमुना प्रदूषण का भी मुद्दा उठाकर ब्रजवासियों व संतों की भावनाओं का किया सम्मान
मथुरा। मथुरा से दूसरी बार सांसद चुने जाने पर हेमामालिनी ने लोकसभा के प्रश्नकाल में ब्रज की मूलभूत समस्याओं को उठाकर ब्रजवासियों की पीडा बयां की। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की समस्याको उठाया। यही खबर ‘यूनिक समय’ ने अपने रविवार 23 जून के अंक में ‘ सुनो हेमाजी: कब तक सिर पर नानी ढोकर लाना होगा!’ शीर्षक से पेज तीन पर प्रमुखता से छापी थी। इसका असर सांसद जी पर हुआ उन्होंने मंगलवार को यह मुद्दा प्रमुखता के साथ उठाया। उसमें वह सभी बातें शामिल थी जो यूनिक समय ने लिखी थी।
उन्होंने लोकसभा में बेवाॅकी से अपने संसदीय क्षेत्र की पीने के पानी की समस्या का जिक्र किया और उन महिलाओं की पीड़ा बयां की जो कई-कई किलोमीटर दूर से पीने का पानी भरकर ला रहीं है। अल सुबह महिलाओं को अपने घर के कामकाज को छोड्कर पीने के पानी के लिए बाहर जाना पड़ता है। इसके बाद उन्होंने यहां के सबसे ज्वलंत यमुना प्रदूषण के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने स्पीकर को संबोािधत करते हुए कहा कि वो जब भी मथुरा में जाती है तो साधु संतों का एक ही सवाल होता है कि मथुरा में यमुना पानी आचमन के लायक कब होगा। हालांकि उन्होंने लगे हाथ इन दोनों ही कार्यो के लिए अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी कर डाली।
सांसद ने ये दोनों मुद्दे उठाकर ब्रजवासियों संतों की भावनाओं का सम्मान किया वहीं अपने सांसद को लोकसभा में चर्चा के दौरान दो समस्याओं उठाते देखकर गदगद हो उठे।

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