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मुंबई। कभी आपने सोचा है कि एक छोटा सा पत्थर आपकी जिंदगी पर क्या असर डाल सकता है. तो मुंबई की यह खबर आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगी. एक पत्थर के चलते पिछले छह महीनों में मुंबई में करीब 3000 ट्रेनों के चलने या पहुंचने में देरी हुई, वहीं करीब 400 लोकल ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा. ऐसे में हजारों की संख्या में यात्री प्रभावित हुए. रेल ट्रेक के स्विचिंग पॉइंट पर मिले इन पत्थरों के चलते हालात यह हो गई की कई घंटों तक या तो ट्रेनें एक ही जगह पर खड़ी रह गईं या फिर आधे से ज्यादा मामलों में पॉइंट फेल हो गए. यह जानकारी सेंट्रल रेलवे के अधिकारियों ने दी.
एक पॉइंट फेल होने पर बड़ा नुकसान
जानकारी के अनुसार, एक पॉइंट के फेल होने की स्थिति में (जब कि ट्रेनों को दबाव ज्यादा होता है) तकरीबन 50 ट्रेनों के समय में बदलाव या उन्हें रद्द करना पड़ता है. वहीं, सामान्य तौर पर 10 से 12 ट्रेनें पर असर पड़ता है. सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिविजन के अनुसार, 1 जनवरी 2019 से 19 जून के बीच पॉइंट फेलियर के करीब 400 मामले आए. इनमें से 200 मामले सामान्य कारणों के चलते हुए, वहीं 188 मामले पत्थर के पॉइंट पर आने या फिर प्लास्टिक की खाली बोतलों के चलते हुआ. जून माह में ही मुंबई डिविजन में पॉइंट फेल होने के 26 मामले सामने आए. इनमें से 18 पत्थरों के कारण हुए थे.
तकनीक भी कारगर नहीं
हालांकि, रेलवे ने इस समस्या का हल निकालने की भी कोशिश की और पॉइंट्स पर स्टोन डिफ्लेक्टर लगाए, लेकिन यह इसका ठोस समाधान नजर नहीं आया. अधिकारियों का मानना है कि कुछ असामाजिक तत्व ट्रैक स्विचिंग पॉइंट पर पत्थर रख रहे हैं. सेंट्रल रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार, रेलवे अब नए स्टोन डिफ्लेक्टर का प्रयोग कर रहा है, जिसकी मदद से अब पत्थर अपने आप पॉइंट पर नहीं आ सकता है. इसलिए हमें यकीन है कि ऐसा किसी शरारती तत्व की ओर से किया जा रहा है.
रेलवे के नुकसान के साथ ही लोगों को परेशानी
रेलवे ट्रैक मेंटेनेंस विभाग के एक कर्मचारी ने कहा कि यह कुछ लोगों के लिए मजाक हो सकता है, लेकिन इससे केवल रेलवे को ही नुकसान नहीं हो रहा है, बल्कि लोगों का मूल्यवान समय भी खराब हो रहा है. लोगों को हमारा सहयोग करना चाहिए. लोग ट्रैक पर चलते हैं और पत्थर उठा कर ट्रेन स्विचिंग पॉइंट्स पर फेंकते हैं. ऐसा करने से रेल सेवा पर ही असर पड़ता है.
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