धौनी से पहले भी तमाम ऐसे वाकए रहे हैं जिसमें क्रिकेट खिलाड़ियों ने बल्ला छोड़कर देश की रक्षा के लिए बंदूक पकड़ते हुए सेना का हिस्सा बने।
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी टेरिटोरियल आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा हैं। क्रिकेट से दो महीने का ब्रेक लेकर धौनी इस यूनिट के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं। उन्हें कश्मीर घाटी में पोस्टिंग दी गई है। 31 जुलाई से 15 अगस्त तक वे कश्मीर घाटी में रहकर पैट्रोलिंग टीम का हिस्सा होंगे। सीमा पर गश्त करने के अलावा वे सैनिकों के साथ समय भी बिताएंगे। इससे पहले भी तमाम ऐसे वाकए रहे हैं जिसमें क्रिकेट खिलाड़ियों ने बल्ला छोड़कर देश की रक्षा के लिए बंदूक पकड़ते हुए सेना का हिस्सा बने। देश-दुनिया के ऐसे मामलों पर पेश है एक नजर…
कर्नल कोट्टेरी कनकैया नायुडू
भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान केसी नायुडू 1923 में होल्कर राजा के न्योते पर इंदौर पहुंचे थे। होल्कर के राजा ने उन्हें अपनी सेना में कर्नल का पद दिया था।
लेफ्टिनेंट कर्नल हेमू अधिकारी
लेफ्टिनेंट कर्नल हेमू का टेस्ट करियर दूसरे विश्व युद्ध के कारण देर से शुरू हुआ। उन्होंने 29 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की। उनके समय में खेले गए कुल 47 टेस्ट मैचों में वे सिर्फ 21 में ही भाग ले सके।
सर डॉन ब्रैडमैन
दुनिया के महान बल्लेबाज ब्रैडमैन एक साल के लिए लेफ्टिनेंट पद पर कार्यरत रहे। वह जून, 1940 में ऑस्ट्रेलिया की वायुसेना में शामिल हुए। बाद उनका ट्रांसफर सेना में कर दिया गया। कुछ समय ट्रेनिंग के बाद उन्हें लेफ्टिनेंट का पद दिया गया, लेकिन कमर की बीमारी के चलते उन्हें जून, 1941 में सेवामुक्त कर दिया गया।
सर लेन हटन
इंग्लैंड के बल्लेबाज हटन ने अपना 23वां और 29वां जन्मदिन सेना के ट्रेनिंग सार्जेंट के रूप में मनाया। इसी पद पर काम करते हुए उनकी कलाई में चोट लग गई। इसी वजह से वह अपने करियर में हुक शॉट नहीं खेल पाए।
युद्धबंदी के रूप में हुई मौत
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कई प्रथमश्रेणी क्रिकेटर्स को लड़ाई के मैदान में उतरना पड़ा। उस समय जंग देश के लिए पहली प्राथमिकता थी। इंग्लैंड के बाएं हाथ के स्पिनर हेडली वेरिटी (ब्रैडमैन को सर्वाधिक 8 बार आउट करने वाले) की मौत 1943 मे इटली में युद्धबंदी के रूप में हुई।
युद्ध के दौरान खेले मैच
डेनिस कांपटन ने युद्ध के दौरान इंग्लैंड के लिए 14 टेस्ट मैच खेले। इसके अलावा भारत में 17 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले। इसी दौरान सार्जेंट मेजर के पद पर काम करते हुए उन्होंने जापान के खिलाफ युद्ध में अपने सैनिकों को तैयार किया। कांपटन ने अपने करियर में कुल 78 टेस्ट मैच खेले। बल्ले और बंदूक से कमाल दिखाने में पीछे नहीं रहे।
शानदार पायलट थे मिलर
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज कीथ मिलर ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बतौर पायलट अपनी सेवाएं दी थीं। वह एक बेहतरीन क्रिकेटर थे। उनके लुक्स के लोग दीवाने थे और उनका संगीत भी शानदार था।
अन्य भारतीय क्रिकेटर
इसके अलावा चंद्रशेखर गडकरी, नारायण स्वामी, रमन सुरेंद्रनाथ, अपूर्व सेनगुप्ता और वेंटप्पा मुद्दीआ ने भी सेना और क्रिकेट दोनों जगह सेवाएं दीं।
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