मुंबई। सिद्धार्थ कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा के दामाद हैं। एशिया की सबसे बड़ी कॉफी एस्टेट कंपनी कैफे कॉफी डे (CCD) के संस्थापक और मालिक वीजी सिद्धार्थ बेंगलुरु के मंगलौर से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए हैं. सिद्धार्थ कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा के दामाद हैं. परिवार के मुताबिक, वह सोमवार शाम को घर से निकले थे, तब से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है. उनके ड्राइवर के बयान के आधार पर आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने उल्लल पुल से छलांग लगा दी है.
कॉफी किंग वीजी सिद्धार्थ की तलाश के लिए कन्नड़ पुलिस हेलिकॉप्टर और कोस्ट गार्ड की मदद ले रही है. करीब 200 लोगों को उनकी तलाश में लगाया गया है. इस बीच मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने भी एसएम कृष्णा के आवास पर जाकर परिवार से मुलाकात की.
कब हुए लापता?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार शाम को सिद्धार्थ अपनी कार लेकर घर से निकले थे. मंगलौर के पास नेत्रारावती नदी पर बने पुल पर उन्होंने कार रुकवाई और कार से उतर कर कही चले गए. ये जगह बंगलुरु से करीब 375 किलोमीटर दूर है. जब एक घंटे बाद भी वह नहीं लौटे तो ड्राइवर को फिक्र होने लगी. उसने आसपास अपने मालिक को ढूंढा, लेकिन वह कही नहीं मिले. जिसके बाद ड्राइवर ने परिवार को फोन किया. बाद में परिवार ने पुलिस को खबर की.
cafe coffee day कैफे कॉफी डे की शुरुआत जुलाई 1996 में बेंगलुरु की ब्रिगेड रोड से हुई.
कॉफी किंग के नाम से मशहूर वीजी सिद्धार्थ के ड्राइवर के मुताबिक, कार में वह किसी से फोन पर काफी देर से बात कर रहे थे. पुल पर उन्होंने कार रुकवाई और उतर गए. पुलिस सिद्धार्थ का फोन रिकॉर्ड भी खंगाल रही है, ताकि पता चल सके कि लापता होने के ठीक पहले वह किससे बात कर रहे थे.
वीजी सिद्धार्थ ने कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा के पहली बेटी मालविका से शादी की थी. उनके दो बेटे हैं. कैफे कॉफी डे के अलावा सिद्धार्थ और भी वेंचर संभाल रहे हैं. इसमें सेवन स्टार होटल भी शामिल हैं.
सिद्धार्थ के पास हैं कॉफी के बागान
कैफे कॉफी डे के संस्थापक वी.जी. सिद्धार्थ का नाता ऐसे परिवार से है जिसका जुड़ाव कॉफी की खेती की 150 वर्ष पुरानी संस्कृति से है. उनके परिवार के पास कॉफी के बागान थे, जिसमें महंगी कॉफी उगाई जाती थी. यह व्यापार के लिए सहायक हुआ, जो बाद में परिवार के लिए एक सफल व्यापार के रूप में स्थापित हुआ. ’90 के दशक में कॉफी मुख्यतः दक्षिण भारत में ही पी जाती थी और इसकी पहुंच पांच सितारा होटल तक ही थी. सिद्धार्थ कॉफी को आम पहुंच तक ले जाना चाहते थे. सिद्धार्थ का सपना और परिवार की कॉफी बिजनेस में गहरी समझ ही कैफे कॉफी डे की शुरुआत का कारण था.
cafe coffee day इस समय देश के 247 शहरों में सीसीडी के कुल 1,758 कैफे हैं.
कैसे हुई कैफे कॉफी डे की शुरुआत?
कैफे कॉफी डे की शुरुआत जुलाई 1996 में बेंगलुरु की ब्रिगेड रोड से हुई. पहली कॉफी शॉप इंटरनेट कैफे के साथ खोली गई. इसके बाद सीसीडी ने देशभर में कॉफी कैफे के रूप में बिजनेस करने का निर्णय लिया. शुरुआती 5 वर्षों में कुछ कैफे खोलने के बाद सीसीडी आज देश की सबसे बड़ी कॉफी रिटेल चेन बन गई है. इस समय देश के 247 शहरों में सीसीडी के कुल 1,758 कैफे हैं. खास बात यह है कि कंपनी फ्रैंचाइजी मॉडल पर काम नहीं करती और सभी कैफे कंपनी के अपने हैं.
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