रक्षाबंधन: प्रभु बांके बिहारी को माना भाई, अब भेजी हैं राखियां

पत्र भेजकर भक्त ले रहे हैं जिंदगी भर रक्षा का वचन
वृन्दावन। नगर के विश्वप्रसिद्ध श्रीबांकेबिहारी मंदिर में हर उत्सव और त्योहार को मनाने का अपना एक विशेष अंदाज होता है। यहाँ कई दिन पहले से ही सभी उत्सवों को मनाने की तैयारियां शुरू हो जाती है। यहां के मंदिर में भाई बहन के रिश्ते का उत्सव रक्षा बंधन मनाने की तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। यहाँ हर दिन देश-विदेश से भक्तगण भगवान बांकेबिहारी को राखियां डाक से आने का सिलसिला लगातार जारी है। कोई लिफाफे में चिट्ठी और राखी भेजकर बांकेबिहारी को भाई मानकर जिंदगी भर अपनी रक्षा करने का वचन ले रही है। तो कोई स्वयं अपने हाथों से भगवान को राखी भेंटकर ऐसी कामना कर रहा है। जिस तरह बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर जिंदगी भर उससे अपने रक्षा का वचन लेती है, ठीक वैसे ही भक्त भी अपने आराध्य बांके बिहारी को राखी बांधकर ऐसी ही कामना कर रही हैं।
वृन्दावन के विश्वप्रसिद्ध श्रीबांकेबिहारी मंदिर में देश-विदेश के करोड़ों भक्तों की आस्था है और यहाँ आस्था रखने वाले सभी भक्त अपने सभी त्योहार बांकेबिहारी के साथ ही मनाना चाहते रखते हैं यही वजह है कि रक्षा-बंधन के त्योहार से पहले सभी भक्त अपने प्रिय ठाकुर को राखी भेंट कर रहे है।
रक्षाबंधन पर भगवान् बांकेबिहारी को राखी भेंट करने के लिए सभी भक्तों का भाव है कि बांकेबिहारी उनकी राखी का मान रखते हुए जिंदगी भर उन पर अपनी कृपा बनाये रखें। कोई लिफाफे में चिट्ठी और राखी भेजकर बांकेबिहारी से जिंदगी भर अपनी रक्षा करने का वचन ले रहा है। तो कोई स्वयं अपने हाथों से भगवान को राखी भेंटकर ऐसी कामना कर रहा है। लिफाफे में राखी के साथ भेजी गयी चिट्ठी में भक्त अपने ठाकुर बाँके बिहारी जी के लिए अपनी भावनाए व्यक्त कर रहे हैं, जिन्हें पढ़कर सभी भावविभोर हो रहे हैं। भेंट की गयी राखी रक्षाबंधन के दिन बांकेबिहारी को बाँधी जाती है। फिर वही राखियाँ प्रसाद के रूप में भक्तों में बाँट दी जाती है। स्वयं अपने हाथों से भगवान बाँकेबिहारी को राखी भेंट करने बाहर से आई श्रद्धालु बहनों के लिये वृन्दावन के बाजारों में भी विशेष राखियाँ दिखाई दे रही है।

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