
नई दिल्ली। आंतरिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने एक समिति का गठन किया है जो आंतरिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए ड्रोन-विरोधी तकनीक पर काम करेगी।
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च के महानिदेशक वीएसके कौमुदी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने पहल करते हुए इस समिति का गठन इसलिए किया है, ताकि मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) हमारी सेवाओं को बाधित न कर पाएं और न ही वो हमारे किसी भी महत्वपूर्ण इमारतों या सुरक्षा बलों पर हमला कर सके।
समिति के गठन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हमारे पास ऐसी सुविधा हो कि हम किसी भी शत्रु के वाहक की पहचान कर उसे बेअसर कर सके। मैं इसे वाहक कह रहा हूं, क्योंकि यूएवी अब सिर्फ निगरानी के लिए उपयोग नहीं किए जा रहे हैं। उनके पास क्षमता है कि वह किसी भी प्रकार के हथियार को अपने साथ ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम ड्रोन-विरोधी तकनीक का अध्ययन पूरा करने की प्रक्रिया में हैं और अगले महीने कम से कम प्रारंभिक अध्ययन पूरा कर लिया जाएगा।
महानिदेशक वीएसके कौमुदी ने कहा कि जल्द ही ड्रोन विरोधी तकनीक पर दो दिवसीय सम्मेलन होने वाला है।सम्मेलन के पहला दिन विचार-विमर्श और विचारों के आदान-प्रदान के लिए समर्पित होगा। दूसरे दिन हमारी सहयोगी एजेंसियों इस तकनीक का प्रदर्शन करेंगी।
सूत्रों के मुताबिक हर राज्य उन स्थानों की पहचान कर रहा है, जहां इस ड्रोन-रोधी तकनीक को स्थापित करने की आवश्यकता है। इसके लिए कई दौर की बैठके भी की गई हैं। दिल्ली पुलिस, IB और BPR& D तीन नोडल एजेंसियां होंगी।
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