नागालैंड। नागालैंड में सरकार की स्टेट लाटरी का पचास लाख रुपये का पहला इनाम एक रिक्शा चालक ने जीता है. इस रिक्शा चालक का नाम गौर दास है और यह पूर्वी वर्धमान ज़िले के गुस्करा का रहने वाला है. लाटरी में प्रथम पुरस्कार जीतने की वजह से गौर दास रातोंरात सेलिब्रिटी बन गए हैं और लोग मिलने के लिए उनके घर पर इक्कट्ठा हो रहे हैं.
दास अपनी विधवा मां, पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे के साथ रहते हैं. उनकी आय घर चलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी, इसलिए उनकी मां और पत्नी दोनों ही मज़दूरी करते थे. परिवार में उनका बड़ा बेटा तीसरी कक्षा में पढ़ता है और गौर ने दोनों बेटियों का अभी हाल ही में प्राइमरी स्कूल में दाखिला करवाया है.
लाटरी जीतने के बारे में दास ने बताया कि रविवार को वे यूनियन सदस्यों के साथ पिकनिक पर जाने वाले थे लेकिन तेज बारिश की वजह से पिकनिक का प्लान स्थगित हो गया. जब वह घर लौट रहे थे तब एक लाटरी विक्रेता उनसे लॉटरी का टिकट खरीदने की जिद करने लगा. उसने दास को टिकट खरीदने पर विवश कर दिया.
पास में 70 रुपये थे, 30 रुपये में खरीदा था लॉटरी टिकट
दास ने कहा कि उस वक्त उनके पास केवल 70 रुपये ही थे, इसलिए वे टिकट नहीं खरीदना चाहते थे. लेकिन, जब लॉटरी बेचने वाला बार-बार टिकट खरीदने के लिए कहता रहा, तब दास ने 30 रुपये में एक टिकट खरीद ही लिया.
गौर दास रविवार की सुबह लॉटरी की दुकान पर परिणाम देखने गए थे. वहां उन्होंने देखा कि वह पचास लाख रूपये का पहला इनाम जीत गए हैं. यह देखकर गौर ख़ुशी से फूले नहीं समाए. गौर तुरंत घर लौटे और यह खबर अपनी पत्नी को सुनाई. लेकिन सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने घर के बाहर किसी को कोई जानकारी नहीं दी. दास ने सोमवार को पास के बैंक में लॉटरी का टिकट जमा करा दिया.
लॉटरी जीतने के बाद गौर दास कहते हैं कि वह एक नया घर बनाएंगे क्योंकि परिवार के छह सदस्यों का एक छोटे से घर में रहना काफी मुश्किल है. उन्होंने यह भी कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल वह अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा दीक्षा में भी करेंगे. लॉटरी लगने के बाद अब गौर रिक्शा छोड़कर ऑटो खरीद सकते हैं. वह ऑटो चलाकर अपना जीविकोपार्जन करेंगे.
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