शायरा खान बताती हैं कि शहरों की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं को एक साथ इक्ठ्ठा करना गांवों से कहीं ज्यादा मुश्किल होता है. इसलिए करीब 20 साल पहले राम भजन मंडली बनाने की सोची.
रायपुर. देश में जहां राम के नाम पर सियासतदानों में आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगी हुई है, वहीं इन सबके बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसी मुस्लिम महिला भी हैं जो लोगों में राम के नाम की अलख जगा रही हैं. रायपुर के नुरानी चौक में रहने वाली शायरा खान महिलाओं के बीच ढोलक की थाप में भजन गुनगुनाती हैं. इसके लिए एक दो नहीं बल्कि शहरभर में पांच राम मंडलियों का गठन शायरा खान ने किया है. पिछले 20 सालों से शायरा राम भजन मंडली को चला रही हैं.
ऐसे बनाई अपनी भजन मंडली
शायरा खान बताती हैं कि शहरों की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं को एक साथ इक्ठ्ठा करना गांवों से कहीं ज्यादा मुश्किल होता है. इसलिए करीब 20 साल पहले उन्होंने राम भजन मंडली बनाने की सोची. पहली शुरूआत अपने ही इलाके से की, जहां हिन्दू महिलाओं को उन्होंने भजन मंडली में जोड़ना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे पूरे शहर में शायरा ने 5 मंडलियां बना ली है.
सामाजिक कार्यों में जोड़ने की कोशिश
शायरा खान की मानें तो मंडली के जरिए राम भजन के साथ ही महिलाओं को सामाजिक कार्यों से जोड़ने का भी काम किया जाता है. शायरा का कहना है कि इतने सालों से राम भजन गाते-गुनगुनाते ये सब कैसे अच्छा लगने लगा, ये खुद उन्हें भी पता नहीं चला. लेकिन अब महिलाओं के साथ ऐसे भी भजन मंडली में जाना उन्हें अच्छा लगता है. इन 20 सालों के दौरान उनके घर से भी किसी तरह की कोई रोक-टोक का सामना उनको नहीं करना पड़ा.
महिलाओं में दिखता है उत्साह
शायरा खान जब महिलाओं के साथ राम भजन में शामिल होती हैं तो महिलाओं का उत्साह भी देखते ही बनता है. राम मंडली में शामिल महिलाओं का कहना है कि सभी के साथ शायरा घुल-मिल गई हैं. शायरा की मौजूदगी से सभी को काफी खुशी मिलती है. वहीं पार्षद सतनाम पनाग का कहना है कि लोगों का प्यार धर्म और मजहब से काफी ऊंचा है. ये सभी के लिए मिसाल से कम नहीं है. जिस तरह राजधानी की इस मुस्लिम महिला ने राम नाम की अलख लोगों में जगाई है, उससे मज़हबी एकता और सौहार्द्र का एक सकारात्मक संदेश जरूर लोगों को मिल रहा है.
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