महाराष्ट्र में अब जल्द ही सरकार बनने वाली है, लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश में शिवसेना, भाजपा के साथ नहीं बल्कि एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली है! अपनी शर्तों पर अड़ी शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी के साथ अपनी वर्षों से चली आ रही मित्रता भुला सकती है। शारद पवार की खामोशी और कांग्रेस कि कोशीशे इस बात की ओर इशारा कर रही है कि कहीं न कहीं राजनीति कि नई खिचड़ी पक रही है, जिसके बारे में जल्द ही पता चलेगा।
महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर शुरू हुआ गतिरोध अपने चरम पर पहुँच चुका है। इसी के बीच अन्य विकल्पों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। शिवसेना के नेता अब राकांपा सुप्रीमो शरद पवार से मुलाक़ात कर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थरोट, वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण ने भी शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की। राजनीति के दिग्गजों की मुलाक़ात के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में जल्द ही नई सरकार का उदय होने वाला है। शिवसेना नेता संजय राउत ने राकांपा सुप्रीमो शरद पवार से मिलने उनके निवास स्थान पर पहुंचे थे, जिसके बाद से यह लगभग तय ही हो गया है कि शिवसेना को अब भाजपा का साथ नहीं चाहिए।
शिवसेना बनाएगी सरकार
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने एक बार फिर शिवसेना को भड़काते हुए बयान दिया है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। इसके बावजूद यदि वह सरकार बनाने में अक्षम रहती है तो दूसरे बड़े दल के रूप में शिवसेना को मौका मिलना चाहिए। ऐसी स्थिति में यदि शिवसेना सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से समर्थन मांगती है तो हम कांग्रेस आलाकमान से इस पर विचार करने को कहेंगे। वहीं एनसीपी नेता शरद पवार का कहना है कि उन्होने अभी तक गठबंधन पर विचार नहीं किया है, वे जनादेश के खिलाफ नहीं जाएँगे।
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