Assembly Elections 2019: भाजपा को नहीं चाहिए शिवसेना का साथ, जानिए वजह

महाराष्ट्र में जब से विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए तभी से भाजपा (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच खींचतान जारी हो गई है। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद और सरकार को लेकर दोनों ही दलों में अभी तक खींचतान जारी है। वहीं अब मीडिया जगत में ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि भाजपा को 120 विधायकों का समर्थन प्राप्त हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी को 15 निर्दलीय विधयकों का साथ मिल सकता है। अगर शिवसेना सपोर्ट नहीं करती है और इस स्थिति में NCP सदन से वॉक आउट कर जाती है तो भाजपा को बहुमत के लिए 118 विधायक चाहिए होंगे। वहीं NCP के सदन से वॉक आउट कर जाने पर सदन में विधायकों की संख्या 234 हो जाएगी। अब निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने पर भाजपा के पास 120 विधायक हो जाएंगे।

अब अगर शिवसेना भाजपा का साथ देना चाहती है तो उसे 50-50 फॉर्मूले से पीछे हटना पड़ सकता है। क्योंकि निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त हो जाने के बाद भाजपा को शायद शिवसेना के साथ की जरूरत महसूस न हो। वहीं शिव सेना के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने जानकारी देते हुए कहा कि राजयपाल ने उनकी पार्टी को मिलने के लिए शाम सवा 6 बजे का वक़्त दिया। वहीं जब संजय से सवाल किया गया कि क्या वे सरकार बनाने को लेकर कुछ चर्चा राज्यपाल से करेंगे? तो इसके जवाब में संजय ने कहा था कि हां बिल्कुल क्यों नहीं।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने गुरुवार को पार्टी के कई विधायकों के साथ ही कई निर्दलीय विधायकों की बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांतदादा पाटिल, बीवीए के क्षितिज ठाकुर (नालासोपारा), जिनके विधानसभा में 3 विधायक हैं, किसानों और मजदूरों की पार्टी के श्यामसुंदर शिंदे (लोहा), जनसूर्य शक्ति के विनय कोरे, निर्दलीय विधायक रवि राणा (बडनेरा), संजय शिंदे (करमाला), गीता जैन (मीरा भायंदर), महेश बाल्दी (उरण), किशोर जोरगेवार (चंद्रपुर), विनोद अग्रवाल (गोंदिया), राजेंद्र राउत (बरसी), प्रकाश अन्ना अघडे (इचलकरंजी) आदि मौजूद रहे। इस बैठक में शामिल सभी विधायकों ने भाजपा को अपना समर्थन देने और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के गठन के लिए समर्थन दिया।

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