महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम के बीच राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना जी जान से जुटी हुई है। एनसीपी से बगावत करने वाले डिप्टी सीएम अजीत पवार के साथ वाले लगभग सभी विधायक शरद पवार के खेमे में पहुंच गए हैं। ऐसे में अकेले पड़े अजीत को मनाने की लगातार कोशिशें की जा रही है। एनसीपी नेता छगन भुजबल उन्हें मनाने के लिए उनके घर पहुंचे हैं।
इधर, एनसीपी के तीन और बागी विधायक शरद पवार के खेमे में पहुंच गए हैं। अब अजीत पवार के साथ एक विधायक बचा हुआ है। इस पर एनसीपी नेता नबाव मलिक का कहना है कि एक और बागी विधायक व अजीत पवार को मनाने की कोशिश की जा रही है। अब एनसीपी का दावा किया जा रहा है कि उसके पास 52 विधायक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अण्णा बनसोढे ही अजीत पवार के साथ बने हुए हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने अपने विधायकों पर निगरानी बैठा रखी है, ताकि भाजपा किसी भी प्रकार की कोई सेंध नहीं लगा सके। इसी बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने एक और नया ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि शरद पवार उनके नेता हैं। अजीत ने अपने ट्वीट में यह भी दावा किया कि वह अभी भी एनसीपी में हैं।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि हमारा भाजपा-एनसीपी गठबंधन राज्य में अगले पांच साल तक स्थायी सरकार देगा जो राज्य के लोगों के कल्याण के लिए शिद्दत से काम करेगा। कुछ देर बाद ही शरद पवार ने ट्विटर पर लिख दिया कि भाजपा के साथ सरकार बनाने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने लिखा है कि भाजपा के साथ सरकार बनाने का कोई सवाल ही नहीं। एनसीपी ने एकमत होकर सरकार बनाने के लिए शिवसेना के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया है। अजीत पवार का बयान झूठा है और लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रहा है। हालांकि फिलहाल महाराष्ट्र का पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है, जहां से भाजपा को फ्लोर टेस्ट का आदेश मिल सकता है।
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