वृंदावन(मथुरा)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आरके मिशन में शारदा ब्लॉक के उद्घाटन समारोह में कहा कि महायोगी भगवान कृष्ण ने जनसाधारण को अत्याचार से मुक्ति के लिए यहां जन्म लिया और वृन्दावन को अपनी लीला भूमि बनाया। आज इसी पावन भूमि पर जनसाधारण को रोग मुक्त करने के लिए मिशन ने इस धरती को चुना, इसके लिये मिशन को बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा कि 112 साल पहले जिस चार बेड के अस्तपाल ने अपनी सेवा सुरु की थी। वह आज कैंसर जैसी बीमारी का उपचार अत्याधुनिक तकनीक से करेगा। उन्होंने कहा कि मुझे यहां बुलाया गया। इसके लिए मिशन का आभार व्यक्त करता हूं।सेवाश्रम पहुंचने के बाद ऑडिटोरियम में राष्ट्रपति का स्वागत मठ के सचिव स्वामी सुविधानंद ने किया। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी सभा को संबोधित किया और मिशन के कामों की प्रशंसा की।
इससे पूर्व गुरुवार को राष्ट्पति रामनाथ कोविंद ने वृंदावन में मथुरा मार्ग
गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी सविता कोविंद के साथ आरके मिशन पहुंचे। उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरके मिशन में नवनिर्मित ब्लाक का जायजा लिया। राष्ट्रपति ने शिलापट्टिका का अनावरण किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन किए।बिहारीजी के दर्शन के बाद राष्ट्रपति का काफिला परिक्रमा मार्ग स्थित निकुंजवन और फिर अक्षयपात्र परिसर पहुंचेगा। राष्ट्रपति के दौरे पर सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। बिहारी जी मंदिर मार्ग की सभी दुकानों को बंद करा दिया गया है। दर्शनार्थियों को रोकने के लिए रस्सियां लगा दी गई हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों के लिए पट बंद कर दिए गए थे। वहीं वहां के सेवायतों को भी बाहर कर दिया गया था। रामनाथ कोविंद के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद भी वृंदावन पहुंची। वृंदावन में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर पालिका ने साफ-सफाई अभियान लगातार चलाया। सड़क मार्ग से आने की खबर मिलने के बाद युद्घस्तर पर सड़कों को साफ किया गया। चूना का छिड़काव किया गया।
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जब राष्ट्रपति ने देर से आने पर मांगी क्षमा
संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति ने एक घंटे विलंब से आने का कारण बताते हुए क्षमा मांगी। उन्होंने आगरा एयरपोर्ट की रोचक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां उन्हें राधे-राधे लिखा दुपट्टा भेंट करने पर उल्लास से भर गया था। उन्होंने पूछा यहां क्यों भेंट किया, तो बताया गया कि कृष्ण का प्रभाव वैसे तो पूरे विश्व में है, लेकिन आप उनकी नगरी के द्वार पहुंच चुके हैं।
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