मुंबई: बदली राजनीतिक परिस्थितियों में रविवार को शिवसेना ने अपने सांसदों की बैठक आयोजित की है। माना जा रहा है कि लोकसभा में पार्टी की रणनीति और राज्य के बदले राजनीतिक हालात को देखते हुए पार्टी नए सिरे से राजनीतिक व्यूह रचना करेगी। कभी शिवसेना की सहयोगी रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में है।
शिवसेना के एकमात्र मंत्री रहे अरविंद सावंत ने पहले ही केंद्र सरकार से इस्तीफा देकर बाहर हो गए हैं। इधर, महाराष्ट्र में भी बड़ी राजनीतिक उठापठक जारी है। बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग हो गए हैं। कांग्रेस और राकांपा के रूप में शिवसेना को नए सहयोगी मिल गए हैं। ऐसे में, शिवसेना की नीतियों में बदलाव आवश्यक माना जा रहा है। सांसदों के साथ बैठक में बदले राजनीतिक समीकरण में नए सिरे से नई रणनीति बनाने पर चर्चा की जाएगी। केंद्र की मोदी सरकार में किन-किन मुद्दों का विरोध करना है, इस पर बैठक में चर्चा होगी।
बीजेपी लोकसभा और राज्यसभा में सीटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लाने जा रही है। इसके अलावा भी कई और विधेयक हैं, जिन्हें सदन में रखे जाने की तैयारी है। इस पर शिवसेना का क्या रुख रहेगा, उसी पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई गई है। पार्टी के एक सांसद ने बताया कि अब पार्टी की भूमिका बदल गई है, सत्ताधारी से विपक्षी हो गए हैं। सदन में बैठने की जगह सरकार से हटाकर विपक्ष की ओर कर दी गई है। ऐसे में विरोध प्रखर होना चाहिए, ताकि पार्टी सदन में अपनी उपस्थित दर्ज करा सके। ऐसे तमाम मसलों पर पार्टी को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ेगी। साथ ही महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार है, राज्य के लिए ज्यादा से ज्यादा विकास योजनाएं खींचने की रणनीति बनाई जाएगी।
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