
मुंबई: महाराष्ट्र में महाअघाड़ी की सरकार बनने के बाद उद्धव सरकार ने आरे कार शेड के कामकाज पर रोक लगा दी थी। आरे कार शेड को स्थगन देने के बाद लोगों की नजर औरंगाबाद पर टिकी है, जहां बाला साहेब ठाकरे का स्मारक बनाने के लिए 5,000 पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलने वाली है। पर्यावरण प्रेमी बड़ी बारीकी से नजरें गड़ाए बैठे हैं। दूसरी ओर, बीजेपी भी ताक लगाए बैठी है और सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रही है।
औरंगाबाद महानगरपालिका में शिवसेना और बीजेपी की सत्ता है। महानगरपालिका का कार्याकाल दो-तीन महीने में खत्म होने वाला है। औरंगाबाद के प्रियदर्शनी उद्यान में बालासाहेब ठाकरे का स्मारक बनाने का प्रस्ताव पहले ही मंजूर किया गया। लेकिन दिक्कत यह है कि जहां पर स्मारक बनाया जाएगा वहां पर पेड़ है। पहले उसे काटना पड़ेगा तब जाकर स्मारक बनाया जा सकेगा। इसे देखते हुए स्थानीय निकाय और ठाकरे सरकार भी फूंक-फूंककर कदम रख रही है।
औरंगाबाद स्मारक पर टिकी लोगों की नजर
गौरतलब है कि पेड़ों की कटाई के विवाद को लेकर ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरे कार शेड पर स्थगन आदेश दे दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने आदेश में कहा है कि जबतक की आरे कारशेड की पूरी समीक्षा नहीं हो जाती तब तक आरे में पेड़ की टहनी भी नहीं काटने देंगे। आरे पर ठाकरे की भूमिका से जहां बीजेपी खफा है वहीं पर्यवरण प्रेमियों में खुशी है। अब औरंगाबाद में पेड़ काटकर बालासाहेब का स्मारक बनाने पर लोगों की नजरे टिकी है।
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