कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें, 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद सीटें 207 रह गईं थीं. 15 सीटों पर उपचुनाव होने के बाद विधानसभा में 222 सीटें हो जाएंगी. इस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 112 होगा, येदियुरप्पा को सत्ता बचाने के लिए 6 सीटें चाहिए थी और पार्टी 12 सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है…
कर्नाटक में 15 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी सफलता हाथ लगी है। राज्य में बीएस येदियुरप्पा सरकार को बचाने के लिए भाजपा को कम से कम 6 सीटों पर जीतना जरूरी था। अब तक आए चुनाव परिणाम में भाजपा ने 6 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है और 6 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस व जनता दल सेक्युलर को चुनाव में भारी झटका लगा है। कांग्रेस 1 सीट जीत चुकी है, जबकि पार्टी को 1 सीट पर बढ़त मिलती दिख रही है। सबसे बड़ा झटका जेडीएस को लगा है। पार्टी का खाता खुलता नहीं दिख रहा है।
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के हाथ में आई सत्ता के गांव आने के बाद कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव को काफी गंभीरता से देखा जा रहा था। माना जा रहा था कि अगर इस उपचुनाव में भाजपा को 6 से कम सीटें आई तो एक बार फिर राज्य में सत्ता परिवर्तन हो सकता है। कांग्रेस व जेडीएस ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी। हालांकि दोनों पार्टियों की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। वहीं, बीएस येदियुरप्पा घटनाक्रम में सबसे बड़े नेता बनकर उभरे हैं। हरियाणा व महाराष्ट्र में पार्टी को उस स्तर की सफलता नहीं मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह की भी नजर इस उपचुनाव के परिणाम पर जरूर लगी होगी।
पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह के लिए यह परिणाम खुशी देने वाला होगा। इस उपचुनाव परिणाम का असर झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। इसी प्रकार महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के माथे पर भी यह परिणाम पसीना लाने वाला होगा। विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने लगे हैं। भाजपा 6 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। 6 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, होसकोटे विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार शरद कुमार बचेगौड़ा जीतते दिख रहे हैं। उनके बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि वह भारतीय जनता पार्टी के सांसद के बेटे हैं। भाजपा द्वारा टिकट न मिलने के बाद वह बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद गए। अब वह भाजपा के एन नागराजू से जीतते दिख रहे हैं।
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