भाजपा को झटका: पंकजा मुंडे ने दिया इस्तीफा, बड़ा कदम उठाते ही तोड़ी चुप्पी बोली मैं बगावत…

भारतीय जनता पार्टी के लिए महाराष्ट्र राज्य में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले शिवसेना से भाजपा का गठबंधन टूट गया और सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी बीजेपी वहां सरकार नहीं बना सकी। इसके बाद राज्य में असंतुष्ट नेताओं ने भी पार्टी की परेशानी बढ़ा दी है। अब भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने बड़ा कदम उठा लिया है। आइए जानें पंकजा मुंडे ने किस पद से इस्तीफा दिया है।

पंकजा ने छोड़ा ये बड़ा पद

पंकजा मुंडे ने भाजपा की कोर कमेटी से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को उन्होंने ये बड़ा कदम उठा लिया। हालांकि पंकजा ने साफ कर दिया है कि वो पार्टी को नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने कहा है कि उनके पिता गोपीनाथ मुंडे ने ही इस पार्टी को महाराष्ट्र में बनाया है। पंकजा ने कहा कि वो अपने पिता के नाम पर मुंबई में ऑफिस बनाकर 26 जनवरी से मशाल लेकर पूरे महाराष्ट्र का दौरा करेंगी।

बगावत की खबरों पर तोड़ी चुप्पी

पंकजा मुंडे ने भाजपा से बगावत की खबरों पर भी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि मैं बगावत क्यों करूंगी। पंकजा बोलीं कि मैंने पार्टी में योगदान दिया है। इस वजह से पार्टी नहीं छोड़ूंगी। हालांकि उन्होंने कहा कि भाजपा को ये पता लगाना होगा कि उनके खिलाफ साजिश किसने रची है। आपको बता दें कि पंकजा सांसद का चुनाव हार गई थीं और उनके समर्थकों का दावा है कि उनको साजिश रचकर हराया गया है।

पंकजा मुंडे बोलीं- BJP चाहे तो निकाल दे, खडसे की भी पार्टी छोड़ने की धमकी

महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज का दिन अहम है. बीड जिले में स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर उनकी बेटी पंकजा मुंडे ने रैली का आयोजन किया है. विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंकजा ने बीजेपी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. उनका साथ एकनाथ खड़से भी दे रहे हैं.

विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंकजा मुंडे ने बीजेपी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे जल्द ही बड़ा ऐलान कर सकती हैं. एकनाथ खडसे के भाषण के बाद पंकजा मुंडे ने मंच से कहा कि जब चंद्रकांत पाटिल बोलेंगे तो कोई हूटिंग नहीं करेगा.

देवेंद्र फडणवीस के करीबी और महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी गोपीनाथ मुंडे की जयंती के वक्त स्टेज पर मौजूद रहे. इस दौरान एकनाथ ने चंद्रकांत पाटिल के सामने ही देवेंद्र फडणवीस को कोसा और बताया कि पार्टी में नेता घुटन महसूस कर रहे हैं. एकनाथ खडसे के भाषण के बाद पंकजा मुंडे सीट से उठीं और लोगों से आग्रह किया कि जब चंद्रकांत पाटिल बोलेंगे तो कोई हूटिंग नहीं करेगा. वो जो बोलेंगे उन्हें सुनना है.

मुझे छोटी-मोटी हार झुका नहीं सकतीः पंकजा

बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने कहा, ‘गोपीनाथ मुंडे भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी उन्हें लोग कितना चाहते हैं यह आज समझ आ रहा है. मेरी चुनाव में हार हुई है पर लोगों का प्यार आज भी मेरे साथ है. मुझे छोटी-मोटी चिल्लर हार नहीं झुका सकती है.’

पंकजा मुंडे ने आगे कहा, ‘एक दिसंबर को मैंने फेसबुक पर पोस्ट लिखा. आज 12 दिसंबर है. मैं क्या कदम उठा रही हूं यह सब देख रहे हैं. लोग मेरे बारे में सूत्रों के हवाले से खबरें चला रहे थे, इतने भी अच्छे लोगों के सूत्र थे तो किसी को यह पता क्यों नहीं लगा कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार शपथ लेने वाले हैं.’

मैं किसी को धोखा नहीं देतीः पंकजा मुंडे

पंकजा ने कहा, ‘लोग मेरे साथ हैं. मैंने संघर्ष यात्रा निकाली और मेरे साथ लोग खड़े रहे. विधानसभा चुनाव के वक्त मैंने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चुनाव प्रचार किया. हर विधायक के प्रचार के लिए गई ताकि महाराष्ट्र में सरकार बन सके, लेकिन उन लोगों को लगा कि मैंने धोखा करने वाली हूं. मेरे अंदर गोपीनाथ मुंडे के संस्कार है. मैं किसी को धोखा नहीं देती हूं.’

बीजेपी से बागी तेवर अपनाने वाली पंकजा ने कहा, ‘मुझे उन लोगों से कोई अपेक्षा नहीं है. मैंने अपने पोस्ट में लिखा था कि प्रथम राष्ट्र, द्वितीय पार्टी और तृतीय मैं. तो कैसे उन लोगों ने यह सोच लिया कि मैंने धोखा करने वाली हूं. मीडिया में भी यह बात चलाई गई कि मैंने पार्टी छोड़ने वाली हूं. जैसे नाथा भाऊ (एकनाथ खडसे) ने बोला कि हमें पार्टी के दरवाजे से ही बाहर निकालने की कोशिश हो रही है तो हम क्या करें आखिर. यह अफवाह उड़ाई गई कि मैंने अलग पार्टी बनाऊंगी. पार्टी के ही लोग मुझे गुनहगार बताने लगे.’

पंकजा ने कहा कि यह अफवाह उड़ाई गई कि मैं अलग पार्टी बनाऊंगी. पार्टी के ही लोग मुझे गुनहगार बताने लगे. एक वक्त लाल कृष्ण आडवानी, नितिन गडकरी, गोपीनाथ मुंडे बीजेपी को चलाते थे. लेकिन उनके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पार्टी की कमान संभाले हुए हैं. यह तो एक प्रक्रिया है. नए लोग आएंगे और बदलते जाएंगे. पार्टी एक व्यक्ति की नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोगों के हाथ में अब पार्टी आ गई है. इस पार्टी को सभी लोगों की पार्टी बनाना है ना कि कुछ लोगों की. आज मैंने कोर कमिटी की सदस्य तक नहीं हूं. मुझे कोई पद की अपेक्षा भी नहीं है. अजित पवार के शपथ लेने के बाद मैंने सुप्रिया सुले के आंखों में आंसू भी देखे.

उन्होंने कहा, ‘मुझे यह देखकर बड़ा दुख हुआ. घर जब टूटता है तब मुझे पता है क्या होता है. मैंने सुप्रिया सुले और मेरे एक कॉमन दोस्त को यह बात बताई कि अजित पवार का पार्टी छोड़ कर जाना मुझे अच्छा नहीं लगा. इसके बाद भी वो बाद में लोगों का खुशी-खुशी मिलती रही, क्योंकि उनके पीछे उनके पिता शरद पवार खड़े थे.’

हम नाराज लोगों को मनाएंगेः चंद्रकांत पाटिल

मालूम हो कि चंद्रकांत पाटिल देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं. उनके स्टेज पर आते ही लोगों ने हूटिंग करना शुरू कर दिया था. बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ‘पार्टी में लोग नाराज हैं. हम उनको मनाएंगे.’

एकनाथ खड़से के आरोपों पर महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल बोले कि पंकजा निराश हैं, लेकिन हम उनको मनाएंगे. बीजेपी में हर नेता एक परिवार का हिस्सा है. मैं समझ सकता हूं कि एकनाथ खड़से नाराज हैं, हमने उनकी बेटी को विधानसभा चुनाव में भी टिकट दिया था पर चुनाव के नतीजे हमारे मुताबिक नहीं आए.’

उन्होंने कहा, ‘मैं वादा करता हूं कि हर शिकायत का हल हम निकालेंगे और नाराजगी दूर की जाएगी. घर की लड़ाई घर में होनी चाहिए उसे सड़क पर नहीं लाना चाहिए.’

पंकजा मुंडे इस्तीफा नहीं देंगीः एकनाथ

बीड के पराली में आयोजित रैली में बीजेपी नेता एकनाथ खड़से ने कहा, ‘मैं पार्टी के खिलाफ नहीं बोलूंगा, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि राज्य में पार्टी के शीर्ष पदों पर बैठे पार्टी के नेता अच्छे नहीं हैं. पंकजा मुंडे को बीजेपी के ही नेताओं ने हराया है. हालांकि, पंकजा मुंडे इस्तीफा नहीं देंगी, लेकिन मैं अपने बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं.’

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए एकनाथ खड़से ने कहा, ‘आज मैं भारतीय जनता पार्टी में हूं, लेकिन मुझसे कहा गया है इसलिए मैं पार्टी के खिलाफ नहीं बोलूंगा. लेकिन मैं पार्टी के नेताओं के खिलाफ बोल सकता हूं. जिन्होंने मीठी बातें करके अपनों के ही पीठ में खंजर घोंप दिया.’

उन्होंने आगे कहा कि गोपीनाथ मुंडे ने जीवनभर संघर्ष करके पार्टी को खड़ा किया. वो साफ बोलते थे कि मैंने किसी के साथ गलत नहीं किया और ना ही कर सकता. लेकिन कुछ लोगों के पीठ में छुरा घोंप कर लोग मुख्यमंत्री बन गए. पार्टी के बड़े नेता आजकल बीजेपी में घुटन महसूस कर रहे हैं.

एकनाथ खडसे बागी तेवर कायम रखते हुए कहा, ‘जिन गोपीनाथ मुंडे ने बीजेपी को खड़ा करने में इतनी मेहनत की उनकी ही बेटी पंकजा मुंडे को कुछ लोगों ने संघर्ष करने में मजबूर कर दिया है. इसके लिए मैं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आभार मानता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘

देवेंद्र फडणवीस ने नहीं बनने दिया स्मारकः एकनाथ

गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद मैंने उनके स्मारक के लिए उस वक्त मुख्यमंत्री के सामने प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. फिर जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने स्मारक के लिए तत्काल प्रस्ताव को पास कर दिया.’

एकनाथ खडसे ने कहा, ‘मैंने ऐसा कौनसा गुनाह कर दिया जिससे मेरा टिकट काट दिया गया. ना चोरी की और ना ही भ्रष्टाचार किया. जो मेरे साथ आज पार्टी में हुआ है, वो पंकजा ताई के साथ भी हो सकता है. मैंने पंकजा मुंडे के साथ खड़ा हूं.

 

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