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मित्रों ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व बेहतरींन महान विकेटकीपर खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में से एक रहे है| बता दे कि वे काफी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए भी लोकप्रिय है और गेंदबाजों को काफी परेशान भी किया है|
आपको बता दे कि जल्द ही में गिलक्रिस्ट ने अपने पूरे जीवन से जुड़े कई शानदार रहस्यों का खुलासा भी किया था| इस दौरान उन्होंने उन बेहतरींन गेंदबाजों के बारे में भी बताया जिनको खेलने में वह काफी परेशानी भी महसूस करते थे| गिलक्रिस्ट ने हरभजन सिंह को कठिनतम प्रतिद्वंद्वी करार देते हुए ये कहा था कि भारत देह का यह आफ स्पिनर और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में दो सबसे कठिन गेंदबाज भी रहे है।
आपको बता दे कि उन्होंने क्रिकेट डाट काम डाट एयू में द अनप्लेबल पाडकास्ट में ये कहा है कि, हरभजन मेरे पूरे क्रिकेट करियर में सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वी रहे है। मुरली और हरभजन दो ऐसे बेहतरींन गेंदबाज रहे है जिनका सामना करने में बहुत अधिक दिक्कत हुई है।
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के विरुद्ध वर्ष 2001 की क्रिकेट सीरीज के बारे में उन्होंने ये कहा है की, हम पांच विकेट 99 रन गंवा चुके थे। मैं बल्लेबाजी के लिए गया और 80 गेंद में शतक भी मारा था। हम तीन दिन के भीतर ही जीत भी गए थे|
बेहतरींन गेंदबाज़ हरभजन ने अपने तीन मुकाबलों में 32 विकेट हासिल किए थे जिसमें दूसरे टेस्ट मैच में कोलकाता के ईडन गार्डन पर भारत क्रिकेट टीम की पहली टेस्ट हैट्रिक भी शामिल है। गिलक्रिस्ट ने ये भी कहा था कि , मुझे लगा कि बहुत आसान है,मगर मैं बहुत गलत था। अगले टेस्ट मैच में ही हमारा सामना हकीकत से हुआ था। हरभजन ने हमारे पैरों तले से जमीन भी खिसका दी थी।
आर्टिकल में आप लोगों को बताने वाले हैं. कि अपने समय के विस्फोटक बल्लेबाज माने जाने वाले पूर्व दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने बेहद ही चौंकाने वाला खुलासा किया है. कि उन्हें करियर में सबसे अधिक परेशान भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने किया था. हरभजन सिंह को अपने करियर का कठिनतम गेंदबाज करार देते हुए एडम गिलक्रिस्ट ने कहा है. कि यह भारतीय क्रिकेटर व श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन उनके करियर के दो सबसे कठिन गेंदबाज रहे.
अपने करियर की शानदार उपलब्धियों को और शानदार समय को याद करते हुए गिलक्रिस्ट ने वर्ष 2001 में भारत दौरे को याद किया. जिसमें हरभजन सिंह ने कमाल की गेंदबाजी की थी. उन्होंने कहा कि हरभजन सिंह मेरे पूरे करियर में सबसे कठिन विरोधी रहे. मुरली और हरभजन दो ऐसे गेंदबाज रहे जिनका सामना करने में मुझे सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा. भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ष 2001 सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया के लगातार 15 मुकाबलों की विजय अभियान पर रोक लगा दी थी.
उस टेस्ट क्रिकेट सीरीज के पहले टेस्ट मुकाबला को ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से अपने नाम कर लिया था. उसके बाद हरभजन की धमाकेदार गेंदबाजी की बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम ने बाकी के दोनों टेस्ट क्रिकेट मुकाबलों में जीत दर्ज की थी. इसके बारे में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने कहा कि हम 5 विकेट अपने 99 रनों पर गंवा चुके थे. उसके बाद मैं बल्लेबाजी करने के लिए गया और 80 गेंदों में मैंने सेंचुरी ठोक दिया. हम उस टेस्ट क्रिकेट मुकाबले को 3 दिन के अंदर ही जीत गए थे. इसके बाद मुझे ऐसा लगा कि यह बहुत ही आसान काम है. परंतु मैं काफी गलत था. अगले टेस्ट में ही हमारा सामना हकीकत से हुआ और हरभजन सिंह ने मेरे पैरों तले से जमीन खिसका दी थी.
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दोस्तों आपको बता दें कि हरभजन ने तीन टेस्ट क्रिकेट मुकाबलों की सीरीज में 32 विकेट लिए थे. जिसमें दूसरे टेस्ट में कोलकाता के ईडन गार्डंस पर भारत की पहली टेस्ट हैट्रिक भी शामिल है. हालांकि गिलक्रिस्ट को भले ही हरभजन व मुथैया मुरलीधरन का सामना करने में मुश्किल का सामना करना पड़ा हो. परंतु गिलक्रिस्ट ने अपने करियर के दौरान ऑस्ट्रेलिया को कई मैचों में अकेले दम पर जीता दिया था. वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के अभी भी महान क्रिकेटर्स में से एक गिने जाते हैं.
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