नई दिल्ली । भारत में अप्रैल महीने से लॉकडाउन शुरू हो गया था और एक महीने बाद भी सरकार ने इसे जारी रखा। हालांकि, आबादी का सबसे बड़ा लॉकडाउन का पालन कर रहा है। अधिकारियों ने आवश्यक सेवा प्रदाताओं और आपातकालीन सेवाओं की आवाजाही की अनुमति दी है। इस वजह से ज्यादातर सड़क पूरी तरह खाली देखने को मिलती है या फिर जरूरी सामान वाले कुछ ही वाहन देखने को मिलते हैं। ऐसे में लोग खाली सड़क देखकर तेज रफ्तार से अपने वाहन को चला रहे हैं और इनमें से ज्यादातर वही लोग है जिनके पास आवश्यक सेवा और आपातकालीन सेवाओं के लिए पास बना हुआ है।
दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि उन्होंने सिर्फ ओवर स्पीड के लिए करीब 4,54,438 वाहनों के चालान किए हैं। ये सभी चालान लॉकडाउन अवधि के दौरान ही किए गए हैं, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि लोगों ने किस प्रकार खाली सड़क देखकर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है। दिल्ली उन शहरों में से है जहां सबसे ज्यादा भीड़ देखी जाती है और घंटों तक यहां ट्रैफिक जाम लगा रहता है।
अधिकारियों ने कहा कि ये जो 4.54 लाख चालान हुए हैं इनकी कुल कीमत करीब 90 करोड़ रुपये है, जो कि काफी ज्यादा है। हालांकि, इनमें से कुछ लोगों ने शिकायत भी की है कि वह लॉकडाउन के दौरान बाहर ही नहीं गए हैं तो किस प्रकार उनका चालान किया गया है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक खाली सड़क देखकर शहर में ओवर स्पीड चालान तेजी से बढ़ रहे हैं।
आधिकारी ने कहा, “लोग खाली सड़क देखकर ओवरस्पीडिंग कर रहे हैं। सड़कों पर इंस्टॉल हुए स्पीड गन्स उन वाहनों पर नजर रखते हैं जो स्पीड लिमिट से बाहर जा रहे होते हैं और इसी वजह से ये उन वाहनों को देखकर ऑटोमैटिक ओवरस्पीड में चालान कर रहे हैं।”
दिल्ली में कई इलाकों में विभिन्न स्पीडिंग कैमरे लगे हुए हैं। ये सभी ऑटोमैटिक कैमरा हैं जो स्पीड लिमिट से बाहर जा रहे वाहनों का पता लगाते हैं और उनकी तस्वीर खींच कर चालान करते हैं। उल्लंघनकर्ता को यह जुर्माना ऑनलाइन भेजा जाता है और इसका भुगतान ऑनलाइन ही किया जा सकता है। ये सभी कैमरे विभिन्न स्थानों पर लगाए गए हैं और इनमें से कई कैमरे मारुति सुजुकी द्वारा स्थापित किए गए हैं। ये सभी स्पीड कैमरे रात के वक्त भी काम करते हैं।
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