यूपी: रोडवेज की बस में उड़ाई जा रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

कानपुर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर में कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर लॉकडाउन की अवधि को 31 मई तक बढ़ा दिया है। कोरोना महामारी के चलते देश मे लॉकडाउन 4 शुरू हो गया है। जिसके बाद यूपी की सीमाओं से श्रमिकों को रोडवेज की बसों से लाने का सिलसिला जारी है, लेकिन रोडवेज की बसों में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। किसी भी श्रमिक को दूर-दूर नहीं बैठाया गया है। बल्कि बस बुरी तरह भरी हुई है। जिसमें श्रमिक कुछ तो मास्क लगाए हैं कुछ के पास मास्क भी नहीं है। ऐसे में बस के अंदर श्रमिक कितने डर और मुश्किलों में सफर कर रहे हैं।

श्रमिकों ने बताया कि उन्हें अपने घर जाने की जल्दी है। साथ ही बॉर्डर पर बसों की कभी होने के चलते एक बस में श्रमिकों को इतनी मात्रा में लाया जा रहा है. वहीं, बस के कंडक्टर सुरेंद्र ने बताया कि बसों की संख्या काफी कम थी और श्रमिक बहुत ज्यादा है। जिसके चलते मौकेे पर मौजूद अधिकारियों ने बस में इतनी संख्या में श्रमिकों को बैठाने का आदेश दिया. सुरेंद्र के मुताबिक वह काफी डरा हुआ है क्योंकि इनमें से किसी भी श्रमिक का टेस्ट नहीं हुआ है और यह सभी श्रमिक उन जगहों से आ रहे हैं, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा केस आ चुके है।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के लिए लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. अब तक विभिन्न राज्यों से 522 ट्रेनों के जरिए 6 लाख 65 हजार 369 श्रमिकों व कामगारों की वापसी हुई है। प्रदेश में अब 48 स्टेशनों को इन ट्रेनों के आगमन के लिए सुनिश्चित कर लिया गया है. दिल्ली से 11 ट्रेनों को रोज चलाने की सहमति बन गई है। 250 और अतिरिक्त ट्रेनों को चलाकर लोगों को लाने की सहमति बनी है। रविवार को भी 2 बजे तक 87 ट्रेन आ गई थीं। वहीं, सूब के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे के बाद अफसरों से कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग पैदल, बाइक, तीन पहिया और ट्रक आदि से यात्रा ना करें।

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