
प्रमुख संवाददाता
यूनिक समय/ मथुरा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत आयुष्मान भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र लोगों के लिए गोल्डन बनाने के लिए 15 दिवसीय अभियान आज से शुरू हो गया। यह अभियान 31 दिसम्बर तक चलेगा।
आयुष्मान भारत के नोडल अधिकारी डॉ राजीव गुप्ता के मुताबिक अभियान में जीरो गोल्डन कार्ड वाले परिवारों में ज्यादा से ज्यादा लोगों के कार्ड बनवाए जाएंगे। सभी आशा, संगिनी व एएनएम व आंगनबाड़ी अपने क्षेत्रों के सभी लाभार्थी परिवारों के किसी एक सदस्य का गोल्डन कार्ड नजदीक के जन सुविधा केंद्र या लोकवाणी केंद्र पर जाकर बनवाएंगी।
आरोग्य मित्रों द्वारा गांंव-गांव शिविर लगाकर भी कार्ड बनाये जायेंगे। मतदान के समय सभी लाभार्थियों का अपना एक मतदाता पहचान पत्र होता है, ठीक उसी तरह देश के किसी भी पंजीकृत अस्पताल में योजनांतर्गत उपचार के लिए सभी का एक अलग गोल्डन कार्ड होना अनिवार्य है। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत की थी। इसी क्रम में एक पात्र व्यक्ति को पांच लाख रुपये तक निजी हॉस्पीटल में इलाज कराने की सुविधा मुहैया कराई गई थी।
जिले में करीब चार लाख पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने थे, लेकिन अक्तूबर 20 तक 84, 500 कार्ड बने थे। मथुरा जिले में आज भी 70 ऐसे गांव हैं, जहां पात्र होने के बावजूद उनके गोल्डन कार्ड नहीं बनाए गए हैं। जिले में 720 गांव व मजरे हैं। अभियान के दौरान बनाये गए गोल्डन कार्ड के लिए संबंधित आशा को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। गोल्डनकार्ड विहीन परिवार में कम से कम एक सदस्य का गोल्डन कार्ड बनवाने पर आशा को पांच रुपए प्रति परिवार की प्रोत्साहन राशि दे जाएगी जबकि गोल्डन कार्ड विहीन परिवार में एक से अधिक सदस्यों का कार्ड बनवाने पर आशा को 10 रुपए प्रति परिवार की दर से प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी।
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