नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का संक्रमण अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि अब पक्षियों के मरने की खबरों ने हर किसी को चिंता में डाल दिया है। पक्षियों के मरने को लेकर अलग-अलग राज्यों से आ रही खबरों के बाद अब उन्हें बचाने की कवायद तेज कर दी गई है। पक्षियों के तेजी से मरने की खबर आने के बाद शासन-प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। बता दें कि हर साल ठंड के मौसम में पशु-पक्षियों की मुसीबत बढ़ जाती है लेकिन इस तरह से मरने की खबरें पहली बार सुनाई दे रही हैं।
हिमाचल प्रदेश स्थित पोंग डैम इलाके में 1400 से अधिक प्रवासी पक्षियों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। पक्षियों के इस तरह से मरने की खबर के बाद कांगड़ा जिला प्रशासन ने बांध के जलाशय में सभी तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। पक्षियों की मौत का पता लगाने के लिए भोपाल की हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब को पक्षियों के सैंपल भेजे गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में 1400 पक्षियों की मौत के बाद अब मध्य प्रदेश के इंदौर में एक कॉलेज में कौओं की मौत ने सनसनी फैला दी है। इन कौओं की जांच में दो में ‘एच-5 एन-8’ वायरस का पता चला है। कौओं में वायरस की जानकारी मिलने के बाद राज्य के लोकस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन कार्यरत पशु चिकित्सा विभाग और अन्य संबंधित विभाग सक्रिय हो गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के अतिरिक्त संचालक डॉ. शैलेष साकल्ले ने इंदौर पहुंचकर पूरे मामले की समीक्षा की है।
गुजरात के जूनागढ़ में 53 पक्षियों की मौत
हिमाचल और मध्यप्रदेश के तरह ही गुजरात में भी पक्षियों के मरने की खबर ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। बताया जा रहा तै कि गुजरात के जूनागढ़ के बांटला गांव में 53 पक्षियों की एक साथ मौत हो गई। अभी तक इन पक्षियों की जांच तो नहीं हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि बर्ड फ्लू के कारण इनकी मौत हुई है।
राजस्थान में 135 कौओं की मौत ने किया परेशान
राजस्थान में भी पक्षियों की मौत ने प्रशासन के हाथ पांव फुला दिए है. राजस्थान के जयपुर समेत 7 जिलों में 24 घंटों में 135 और कौओं की मौत होने की सूचना मिली है। राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कंट्रोल रूम बनाया है। इसके साथ ही चार संभागों में विशेषज्ञ दल भी भेजे गए हैं।
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