
नई दिल्ली। नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों (त्मबवअमतमक ब्ंेमे) की संख्या एक करोड़ के पार हो गई है. इसी के साथ भारत ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा मील का पत्थर पार कर लिया है. चैबीस घंटे की अवधि में 19,587 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दी गई है। इससे ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 10,016,859 हो गई है. भारत में संक्रमण से ठीक होने की दर दुनिया में सबसे ज्यादा है।
ठीक हुए मरीजों की संख्या उपचाराधीन मामलों की संख्या का 44 गुना
मंत्रालय ने कहा कि उपचाराधीन मरीजों और ठीक हुए मरीजों की संख्या में अंतर लगातार बढ़ रहा है और यह वर्तमान समय में 97,88,776 है. उसने कहा, ‘ठीक हुए मरीजों की संख्या उपचाराधीन मामलों की संख्या का 44 गुना अधिक है. वर्तमान में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 2,28,083 है और यह कुल संक्रमणों का केवल 2.19 प्रतिशत है. मंत्रालय ने कहा कि ठीक हुए मरीजों की संख्या का 51 प्रतिशत पांच राज्यों – महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल से हैं. कोविड-19 से ठीक होने की राष्ट्रीय दर 96.36 प्रतिशत है।
भारत की ठीक होने की दर दुनिया में सबसे अधिक है
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ठीक होने की दर 90 प्रतिशत से अधिक है। मंत्रालय ने कहा, ‘भारत की ठीक होने की दर दुनिया में सबसे अधिक है. जिन देशों में संक्रमण के मामले अधिक हैं, वहां भारत की तुलना में ठीक होने की दर कम है। जांच अवसंरचना में विस्तार के साथ, भारत में कोविड-19 संक्रमण दर में भी कमी आयी है. प्रतिदिन संक्रमण की दर तीन प्रतिशत से नीचे बनी हुई है. मंत्रालय ने कहा, ‘17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की साप्ताहिक संक्रमण की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है.’ मंत्रालय ने कहा कि ठीक हुए नए मामलों में से 79.08 प्रतिशत मामले 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं.
ये है राज्यों की हालत
केरल में एक दिन में ठीक होने वालों की संख्या 5,110 है. इसके बाद महाराष्ट्र ठीक हुए 2,570 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है. संक्रमण के नए मामलों में से लगभग 83.88 फीसदी मामले 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के हैं. केरल में 24 घंटे में 6,394 नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में 4,382 नए मामले जबकि छत्तीसगढ़ में बुधवार को 1,050 नए मामले सामने आए।
चैबीस घंटे की अवधि में कुल 222 मरीजों की मौत हुई है. इनमें से 67.57 प्रतिशत छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं. महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे अधिक मौतें (66 मौतें) हुई हैं. केरल में 25 जबकि पश्चिम बंगाल में 22 मौतें हुई हैं।
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