प्रमुख संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक (कुंभ मेला) में यमुना के प्रदूषित जल और संतों द्वारा नौ मार्च को द्वितीय शाही स्नान न करने की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए मथुरा के पर्यावरणविद गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी की पहल पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पर्यावरण विद एमसी मेहता ने नीरी के सदस्यों के साथ यमुना में गिरते प्रदूषित जल का मुआयना किया।
श्री चतुर्वेदी ने पर्यावरण विद एमसी मेहता और नीरी के सदस्यों को कोसीकलां डे्रन से लेकर वृंदावन तक यमुना का निरीक्षण किया। कोसी ड्रेन का प्रदूषित जल यमुना की स्थिति को खराब कर रहा है। जानकारी में आया कि वृंदावन आकर टीम ने यमुना में सवार होकर यमुना में गिरते नालों को देखा। कोसी डे्रन की प्रदूषित पानी वाराहघाट के पास यमुना में गिरता दिखाई दिया। कोसीकलां की फैक्टरियों का प्रदूषित पानी कोसी ड्रेन में गिर रहा है। वह पानी यमुना में आ रहा है।
टीम ने मथुरा के मसानी एवं अम्बाखार क्षेत्र के नालों का भी निरीक्षण किया। टीम में नीरी कमेटी के एसके गोयल, डा. प्रवीण, एडवोकेट कात्यायनी शामिल थे। टीम ने प्रदूषित पानी के कई जगहों से सैंपिल लिए। अब इन सैपिलों की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।
Leave a Reply