
नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर और रोजाना ढ़ाई लाख से भी ज्यादा आ रहे कोविड संक्रमित मरीजों के बाद इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है. हालांकि स्वास्थ्य और चिकित्सा जगत के विशेषज्ञ कोरोना को लेकर लगातार रिसर्च कर रहे हैं और इससे बचाव के उपाय ढूंढ रहे हैं। इसी क्रम में अब स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से लोगों से डबल मास्क लगाने की अपील की जा रही है जो चौंकाने वाली है।
दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र ने न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में बताया कि वे पिछले साल से ही लोगों से खासतौर पर उन लोगों से जो सीधे लोगों के संपर्क में आ रहे हैं फिर वे चाहे कोविड पेशेंट हों या आम लोग हों, से डबल मास्क लगाने की अपील कर रहे हैं. अब चूंकि अध्ययन में भी डबल मास्क लगाने के फायदे सामने आए हैं इसलिए अब एक साथ दो मास्क लगाने के लिए लोगों से कहा जा रहा है.
डॉ. मिश्र बताते हैं कि दो सर्जिकल मास्क अगर एक साथ पहने जाएं तो उससे 96 फीसदी तक कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है. दो मास्क पहनना उस स्थिति में भी लाभकारी है जबकि आप पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रख पा रहे हैं. अगर छह गज की दूरी का ध्यान रखा जा रहा है तो एक मास्क भी बचाव कर सकता है. वे सभी चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग जो छह गज की दूरी का पालन नहीं कर पा रहे या वे लोग जो रोजाना लोगों से दो चार हो रहे हैं उन्हें दो मास्क एक साथ लगाने चाहिए।
सिर्फ सर्जिकल नहीं, ये मास्क भी हैं उपयोगी
वे कहते हैं कि दो सर्जिकल मास्क पहनना तो फायदेमंद है ही लेकिन अगर लोग कपड़े के मास्क बनाकर पहन रहे हैं तो वे दो मास्क भी उपयोगी हैं. इसके अलावा लोग एक सर्जिकल और एक कपड़े का बना मास्क भी पहन सकते हैं। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि हमेशा कई लेयर वाला मास्क पहना जाए।
एक या दो लेयर का मास्क संक्रमण से बचाव के लिए पर्याप्त नहीं है. कम से कम तीन और चार लेयर का मास्क पहना जाना चाहिए।
एन 95 मास्क भी पहनना है ठीक
डॉ. मिश्र कहते हैं कि एन 95 मास्क काफी अच्छा है लेकिन महंगा होने के कारण भारत का हर नागरिक इसे नहीं पहन सकता। ऐसे में सभी लोग अगर कई लेयर का कपड़े का लिनिन का मास्क पहनते हैं तो वह भी सुरक्षा कवच बन सकता है. जो लोग एन 90 या एन 95 मास्क पहन सकते हैं वे इसे जरूर पहनें।
क्या दो मास्क से सांस लेने में हो सकती है दिक्कत
विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर दो सर्जिकल या कई लेयर वाले लिनिन के दो मास्क पहने जा रहे हैं तो उनसे सांस लेने में दिक्कत नहीं होती। उनसे ऑक्सीजन आसानी से अंदर आती है और कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर जाती है. चूंकि कोरोना वायरस हवा में तैरने वाली छोटी-छोटी ड्रॉप्लेट से फैलता है जो सांस के द्वारा अंदर आती जाती हैं, ऐसे में उनसे बचाव बहुत जरूरी है. लिहाजा दो मास्क मोटी लेयर बना लेते हैं और उन्हें एक से दूसरे में आने से रोकते हैं।
Leave a Reply