लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों के इलाज में ऑक्सीजन व बेड की कमी ने योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजधानी लखनऊ समेत लगभग सभी जिलों से ऑक्सीजन और बेड की कमी होने की सूचनाएं मिल रही हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन की व्यवस्था की जिम्मेदारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को सौंपी है. सीएम ने बेड की व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग को युद्ध स्तर पर प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।
सिद्धार्थ नाथ सिंह को एमएसएमई इकाइयों से समन्वय करके छोटे अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई कराने का जिम्मा सौंपा गया है। लेकिन औद्योगिक ऑक्सीजन बनाने वाली इन इकाइयों को मेडिकल ऑक्सीजन बनाने के लिए लाइसेंस की दिक्कत आड़े आ रही है। मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार की तरफ से एमएसएमई इकाइयों को 31 दिसंबर 2021 तक लाइसेंस का नवीनीकरण और औद्योगिक के स्थान पर मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई करने के लिए लाइसेंस में छूट दी गई है।
बोकारो से मंगाई जा रही बड़ी खेप
वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार ने बोकारो, झारखंड से ऑक्सीजन की बड़ी खेप मंगाई ह।. इसके लिए ऑक्सीजन ट्रेन चलाई गई है. इस ट्रेन के लिए लखनऊ से बोकारो तक ग्रीन कोरिडोर बनाया गया है। खुद रेलमंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति हेतु लखनऊ से बोकारो में स्थित स्टील प्लांट के लिए चली ऑक्सीजन एक्सप्रेस वाराणसी से आगे निकल चुकी है। ट्रेन तेज गति से चले, इसके लिए रास्ते में ग्रीन कोरिडोर बनाया गया है, ताकि बिना किसी रेड सिग्नल के यह ट्रेन जल्द से जल्द अपने गंतव्य तक पहुंच सके।
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