
भोपाल
बुधवार को साल का पहला चंद्रग्रहण है। बुद्ध पूर्णिमा का चंद्रमा एमपी में उदय होते समय तो उपछाया ग्रहण में होगा, लेकिन जब क्षितिज से ऊपर आएगा तो सुपरमून बन चुका होगा। इस खगोलीय घटना के बारे में जानकारी देते हुए एस्ट्रोनॉट सारिका घारू ने बताया कि साल के दूसरे सुपरमून में इसकी पृथ्वी से नजदीकियां बढ़कर आपसी दूरी 3,57,462 किमी रह जाएगी।
उन्होंने कहा कि नजदीक आने से पूनम का यह चांद 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकीला दिखेगा। पिछले 26 अप्रैल को हुए सुपरमून की तुलना में इस बार चंद्रमा 157 किमी नजदीक होगा। पश्चिमी देशों में वहां खिलने वाले फूलों के कारण इसे फ्लावर मून नाम दिया गया है।
वहीं, सारिका घारू ने मैप की मदद से समझाते हुए बताया है कि पूर्वी भारत में उदित होते चंद्रमा में आंशिक ग्रहण रहेगा। एमपी के सभी जिलों में चंद्रोदय के समय यह उपछाया ग्रहण रहेगा। उपछाया ग्रहण में चंद्रमा की चमक में इतना कम अंतर आता है कि इसे खाली आंखों से पहचनाना कठिन होता है। शाम सात बजकर 19 मिनट के बाद उपछाया ग्रहण समाप्त होते ही यह अपनी 30 फीसदी अधिक चमक के साथ सुपरमून बन चुका होगा।
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