खाने के शौक के चलते इस शख्‍स के शरीर पर नहीं आते थे कोई भी कपड़े, वजन हो गया था 90 Kg; कम समय में इस डाइट ने बनाया fat to fit

इंसान का शौक ही कभी-कभी उसके लिए मुसीबत बन जाता है। पेशे से ब्लॉगर दिव्यांशु खाने के इतने दीवाने थे, कि उनका वजन तेजी से बढ़ गया। बॉडी शेप में नहीं रही और अपने साइज के कपड़े खरीदने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। इतने संघर्षों के बाद आखिर उन्होंने वजन कम करने का फैसला किया और मात्र 90 दिनों में 19 किलो वजन कम करते हुए फैट से फिट हो गए। दिव्यांशु के लिए वजन कम करना आसान नहीं था। उन्होंने इसके लिए कितनी मेहनत की, किन चीजों से परहेज किया। यह सब जानने के लिए आगे पढ़ें दिव्यांशु की सक्सेसफुल वेटलॉस स्टोरी।

दिव्यांशु बताते हैं कि बिजी शेड्यूल के कारण मुझे कभी भी खाने की प्लानिंग बनाने का समय नहीं मिला। चूंकि मैं अपने जीवन में खाने का शौकीन रहा हूं। आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के कारण मुझे दुनिया के अलग-अलग तरह के व्यंजनों को आजमाने का मौका मिला।

अनियमित खाने के पैर्टन के कारण 90 किलो बढ़ा लिया। जून 2019 में मैंने फसला किया कि अब बहुत हो गया। सबसे पहले रेस्टोरेंट में जाना बंद किया। इसके बाद भी वजन कम नहीं हुआ और मैं डिमोटिवेट होने लगा। इसके बाद मार्च में मेरा बर्थडे आने के तीन महीने पहले वजन कम करने का फैसला किया।

अपनी फिटनेस यात्रा 19 मार्च से शुरू की , जिसमें रोजाना दौड़ना, चलना और पुशअप्स शामिल थे। 2020 में कोरोना के चलते जब जिम और क्लब बंद हो गए थे, तो मैंने लॉकडाउन का उपयोग अपने शरीर का वजन कम करने में किया। ऐसा करके 19 जून तक मैं पहले जैसे आकार में वापस आ गया।

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दिव्यांशु ने सप्ताह में नियमित रूप से छह दिन एक्सरसाइज और हर दिन दो मसल ग्रुप किए। दिव्यांशु ने फिटनेस के लिए कुछ उसूलों का पालन किया। उनके अनुसार, हमारा स्वस्थ रहना सबसे जरूरी है। हमने इसे खो दिया तो सब कुछ खो दिया।

​अधिक वजन के दौरान कठिन पल

अधिक वजन होने का मतलब है कि आपको कई चीजों के साथ समझौता करना पड़ता है। दिव्यांशु बताते हैं कि ओवरवेट हो जाने पर मुझे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। जैसे कपड़े फिट ना होना, दौडऩे पर पसीना आ जाना, सामाजिक रूप से अजीब महसूस करना, सहनशक्ति कम हो जाना। इसके अलावा ओवरवेट होने के कारण कई बार आत्मघाती विचार भी मन में आ जाते थे।

वेटलॉस करते समय ये जरूर समझ आया कि आपका स्वास्थ्य आपके हर काम और हर अनुभव को प्रभावित करता है। वजन घटाने की शुरूआत फैंसी ट्रेडमिल से नहीं होती। बल्कि यह शुरू होती है सही खाने से। वेटलॉस मेरे लिए चैलेजिंग था, लेकिन मैंने ऐसा किसी कॉम्पीटीशन के लिए नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया। इसी भाव ने मुझे हमेशा मोटीवेट किया।

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