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जयप्रकाश, छतरपुर
मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित शासकीय अस्पताल में कुछ डॉक्टरों ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसकी तारीफ अब हर जगह हो रही है। दरअसल, जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में एक बच्चे को गले में सिक्का फंसा होने के चलते भर्ती किया गया था। लेकिन अस्पताल में तैनात डॉक्टरों ने बिना किसी ऑपरेशन या फिर चीर-फाड़ किए बच्चे के गले से सिक्का निकाल दिया।
खेल-खेल में बच्चे ने अटका लिया सिक्का और प्लास्टिक का ढक्कन
बताया जा रहा कि कुछ दिनों पहले छतरपुर जिले के गोपालपुरा गांव में रहने वाले 5 साल के बच्चे आदर्श पांडेय ने खेल-खेल में पांच रुपये का सिक्का और चूने के ट्यूब में लगने वाला प्लास्टिक का एक ढक्कन निगल लिया। जिसके बाद ये सिक्का और प्लास्टिक का ढक्कन आदर्श के गले में अटक गया। इसकी वजह से उसे खाने-पीने और सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
बच्चे की बिगड़ी तबीयत तो जिला अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन
परिजनों को जैसे ही इस बात का पता चला और बच्चे की बिगड़ती तबीयत को देखा तो तुरंत उसे जिला अस्पताल ले आए। जहां उन्होंने सर्जन डॉक्टर मनोज चौधरी को अपने बच्चे को दिखाया और सारी बात बताई। डॉ. चौधरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्चे का एक्स-रे कराया। जिसमें उसके गले में फंसा सिक्का साफ-साफ दिखाई देने लगा। इसके बाद वो बच्चे को जिला अस्पताल की पांचवी मंजिल में बने ऑपरेशन थिएटर में ले गए।
डॉक्टरों ने बिना सर्जरी सूझबूझ से निकाला सिक्का-ढक्कन
बच्चे की उम्र महज 5 साल ही थी इसलिए डॉ मनोज चौधरी ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता चौधरी को भी ऑपरेशन थिएटर में बुलाया। परिवार के लोग बेहद चिंतित थे और उन्हें ऐसा लग रहा था कि शायद अब उनके बेटे का ऑपरेशन होने वाला है। लेकिन तभी डॉक्टर चौधरी और डॉ कविता ने वह कर दिखाया जिसे देख सब हैरान रह गए। बिना कोई ऑपरेशन किए बच्चे के गले में फंसा 5 रुपये का सिक्का और प्लास्टिक का ढक्कन निकाल दिया गया।
डॉक्टर मनोज चौधरी ने बताया कैसे मिली कामयाबी
ये जानकारी जैसे ही परिजनों को हुई उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। डॉ मनोज चौधरी ने बताया कि जब हम बच्चे के गले से सिक्का निकालने का प्रयास कर रहे थे तब बच्चा काफी डरा हुआ था। ऐसे में हमने बिना सर्जरी वाले ऑपरेशन के लिए एक चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर को बुलाया, जिससे बच्चे को किसी प्रकार का डर नहीं लगे। आखिरकार हम सफल रहे और बिना कोई सर्जरी किए हमने बच्चे के गले में फंसी चीजों को निकाल लिया।
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