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कार्यालय संवाददाता
मथुरा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में करारी हार के बाद राष्टÑीय लोकदल ने फिर अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए एक होटल में बैठक बुलाई। जानकारों के अनुसार इसका मकसद था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाना, लेकिन बैठक में ऐसा कुछ हो गया कि राजनीति गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो बैठक प्रारंभ होने से पहले अखाड़ा के नजारे दिखाई देने लगे।
कार्यकर्ताओं के बीच गाली गलौज और लात घूंसे चल गए। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई किंतु वरिष्ठ पदाधिकारियों ने परिवार की कलह बताकर पुलिस से पिंड छुड़ा लिया।
जानकारी के अनुसार डेंपीयर नगर स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता बुलाई गई। मंच पर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी बैठक गए किंतु बैठक शुरू होते ही रालोद के वरिष्ठ नेता रामवीर भरंगर के समर्थक एवं बल्देव क्षेत्र के कुछ रालोद कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी होना शुरु हो गया। वरिष्ठ पदाधिकारी कुछ समझ पाते कि दोनों ओर से लात-घूंसे चलने लग गए। बैठक का नजारा एक अखाड़े की तरह दिखाई देने लगा। रालोद के कई वरिष्ठ नेता बीच-बचाव करने पहुंचे तो वह धक्का मुक्की के शिकार हो गये।
प्रत्यक्ष दर्शियों की मानें तो एक पक्ष द्वारा बाहर से पहलवानों को बुलाने के लिए फोन करने पर मामले को बढ़ते देख किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस भी पहुंच गई। लेकिन रालोद नेताओं ने मामले को आपसी बताते हुए पुलिस को बैरंग लौटा दिया। रालोद बृज क्षेत्र अध्यक्ष जगपाल सिंह ने माना कि बैठक से पूर्व दो कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हुई थी, लेकिन इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बैठक किसी आंदोलन के लिए नहीं बल्कि नए पदाधिकारी, चुने गए जिला पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख और सदस्यों का स्वागत के लिए शिष्टाचार के नाते बैठक थी।
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