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बलदेव (मथुरा)। गुरु पूर्णिमा पर धार्मिक नगरी गुलजार नजर आई। आस्था के साथ समर्पण का भाव मन में लिए श्रद्धालुओं ने ब्रजराज श्री दाऊजी महाराज व माता रेवती के दर्शन किए। आश्रम, मठ-मंदिर हों या नये आधुनिक मठ और मंदिर हर ओर उल्लास और भक्ति का विहंगम दृश्य को देखने मिला।
मुराद पूरी करने के लिए भक्तों की प्रमुख मंदिरों में दूध-भोग चढ़ाने और पूजा करने वालों की संख्या अधिक देखी गयी। गुरु-शिष्य परंपरा में मुड़िया संतों ने सिर का मुंडन कराया। बहुत लोगों ने गुरू परंपरा को और तवज्जो देने के लिए गुरु बनाकर गुरू दीक्षा ली।
मंदिर के पीछे प्राचीन कुंड में संत और शिष्यों ने ब्रजराज के नाम की डुबकी लगाई। कुंड के पास ही माता-रानी मंदिर में सभी श्रद्धालु भाव विभोर होकर संकीर्तन की धुन पर थिरक रहे थे। नगर पंचायत ने मुड़िया पूर्णिमा को देखते हुए एक दिन पहले से ही सफाई व्यवस्था को दुरूस्त कराया। कस्बा में जगह-जगह सफाई करायी गई।
श्रद्धालुओं ने ब्रजराज दाऊजी महाराज के अद्भुत श्रृंगार के दर्शन किए। ब्रजराज के भोग के लिए श्रद्धालुओं ने मिश्री खरीदकर भोग लगाया। मंदिर में ही प्रसादी के तौर पर वितरित किया।
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