चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव से ठीक 6 महीने पहले पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से नीचे उतारने की कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में मंगलवार को कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के घर पर तीन कैबिनेट मंत्री सहित करीब 20 विधायक और कुछ पूर्व विधायकों ने बैठक कर मुख्यमंत्री को बदलने की रणनीति तैयार की।
बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री चरणजीत चन्नी ने कहा कि अब मुख्यमंत्री सभी चुनावी वादों को पूरा करेंगे, हमें इस बात का भरोसा नहीं रहा है। उनके नेतृत्व में पंजाब की जनता की समस्याएं हल नहीं होने वाली हैं। इसलिए मुख्यमंत्री को बदलने की मांग को लेकर पांच सदस्यों का एक शिष्टमंडल कांग्रेस हाईकमान यानि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेगा. जिसमें तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखविंदर सिंह सरकारिया, परगट सिंह शामिल होंगे।
बैठक के बाद विधायक परगट सिंह ने भी दावा किया कि कांग्रेस के विधायक कैप्टन की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं। उधर सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि हमने जनता के लिए कार्य किए हैं इसलिए उन्हें मंत्री पद खोने का कोई डर नहीं है। बताया जा रहा है कि आगामी 26 अगस्त को कैबिनेट मीटिंग भी होनी वाली है जिसमें आगामी विधानसभा सत्र को बुलाने का निर्णय भी लिया जाना और कैबिनेट में संभावित फेरबदल भी किया जाना है। जानकारों की माने तो कुछ मंत्रियों को पद खोने का डर है, इसलिए वह इस तरह से बैठक बुलाकर कांग्रेस हाईकमान के जरिए कैप्टन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
यह बैठक इस बात का भी संकेत है कि आगामी विधानसभा चुनाव तक अंदरखाने कांग्रेस दो धड़ों में ही बंटी रहेगी। सिद्धू और कैप्टन में खींचतान खत्म नहीं होने वाली है, क्योंकि सिद्धू अब अपने सलाहकार मालविंदर माली की विवादित पोस्ट के बावजूद उनके ही पक्ष में उतर आए हैं। माली को लेकर सिद्धू का बयान आया है कि माली की कश्मीर को लेकर अपनी निजी राय है, इससे कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। हालांकि इस बैठक में सिद्धू उपस्थित नहीं थे, लेकिन यह किसी से छिपा नहीं है कि उनका खेमा लंबे समय से कैप्टन के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है।
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