तस्वीरों में देखिए तालिबान की तकलीफ, अफगानिस्तान से जाते—जाते अमेरिका क्या कबाड़ा करके गया, रोया दु:खड़ा

काबुल। 30 अगस्त की आधी रात से 19 साल 10 महीने और 10 दिन बाद अमेरिका का सैन्य अभियान समाप्त हो गया था। लेकिन अमेरिका जाते-जाते अफगानिस्तान में मौजूद अपने अनुपयोग सैन्य सामान को तहस-नहस करके गया था। ये तस्वीरें Talib Times ने अपने twitter पर पेज शेयर की हैं। इसमें कहा गया कि अमेरिका ने निकासी से पहले अपने बख्तरबंद वाहनों, कारों आदि सभी उपकरणों को नष्ट कर दिया। बता दें कि खुद को इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान का ऑफिशियल पेज बताता है। यह तालिबान से जुड़ी खबरों और दूसरी जानकारियां शेयर करता है। कुछ दिन पहले इस पेज को सस्पेंड कर दिया गया था।

यह तस्वीर अमेरिका की कोई रणनीति या बौखलाहट हो दिखाती है। 70-80 हजार तालिबानियों के आगे 3 लाख अफगानी सैनिकों के घुटने टेकने की घटना ने दुनियाभर को हैरान कर दिया है। अमेरिका जब अफगानिस्तान छोड़ने लगा, तो उसने अपना कोई सामान सुरक्षित नहीं रहने दिया।

अमेरिकी सेना काबुल स्थित अपने बेस पर रखी बख्तरबंद गाड़ियों को आग लगाकर चला गया। इसका मकसद यह था कि तालिबान उनका इस्तेमाल नहीं कर सके।

अमेरिकी सेना जिन सैन्य सामान को बर्बाद करके गया, उन्हें अफगानिस्तान से ले जाना संभव नहीं था। दूसरा, ये चीजें सिर्फ अफगानिस्तान में ही काम के लायक थीं।

अमेरिकी सेना ने कारें भी सुरक्षित नहीं छोड़ी थी। उन्हें भी आग के हवाले कर दिया गया। अमेरिका नहीं चाहता था कि तालिबान किसी भी चीज का इस्तेमाल कर सके।

twitter पर यह तस्वीर शेयर करके Talib Times ने तालिबान का मानवीय नजरिया पेश करने की कोशिश की है। लिखा है है कि लोगार प्रांत के गवर्नर एक अनाथ बच्चे से बात करते हुए। इस तरह हम शासन कर रहे हैं। इस तरह दिल और दिमाग जीता जाता है। इस तरह राष्ट्र की सेवा की जाती है। यही है सच्चा शासन।

अफगानिस्तान युद्ध में काफी बर्बादी हुई है। पुल टूट गए हैं। इन्हें दुबारा बनाया जा रहा है। twitter पर यह तस्वीर शेयर करके Talib Times ने लिखा-अफगान सरकार के पुनर्निर्माण की योजना प्रगति पर है। पूर्वी Paktika प्रांत में पुल का पुनर्निर्माण शुरू।

 

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