
वृंदावन। एकात्मवाद के प्रेणता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती पर आयोजित द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हो गया। पंडित दीनदयाल जी के अनुयायियों और शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 21 वीं सदी भारत की होगी। यह भविष्यवाणी स्वामी विवेकानंद जी ने मिशिगन में की थी।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि स्मारक समिति दीनदयाल धाम फरह एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय अध्ययन केंद्र केशव धाम वृंदावन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता विषय के समापन पर उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने तत्कालीन समय में तीन भविष्यवाणियां पहली भारत के आजाद होने, दूसरी साम्यवाद के समाप्त होने और तीसरी 21वीं सदी एशिया की सदी होगी और जिसका नेतृत्व भारत करेगा की थी और वह तीनों सही सत्य साबित हुई हैं। 21 वीं सदी में विश्व का नेतृत्व भारत करे। यही पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के प्रतिसच्ची श्रद्धांजलि होगी।
सांसद हेमामालिनी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक महान पुरुष थे। वह मानवता और राष्ट्र के लिए समर्पित थे। उनका विचार बहुत ही महान था। उनके विचारों पर चलकर ही प्रधानमंत्री मोदी कार्य कर रहे हैं। मुख्य मुख्य वक्ता गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय नोएÞडा के कुलपति प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल के विचार सर्वकालिक हैं। विशिष्ट अतिथि अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्व कुलपति डॉ. मोहन लाल छीपा ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी भारतीय ज्ञान परंपरा के संवाहक रहे हैं। उसको लेकर आगे बढ़े और उसे पाठ्यक्रम में शामिल करें। अध्यक्षता करते हुए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र तनेता ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी ने मानव एकात्म वाद दर्शन का सिद्धांत तब दिया जब विश्व दो विचारधाराएं पूंजीवाद और साम्यवाद चल रही थीं, जो कि अपूर्णता और खुलापन को प्रतिपादित कर रही थी। तब पं० दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानव दर्शन का सिद्धांत दिया। उनके विचारों की प्रासंगिकता आज भी विद्यमान है। केशव धाम निदेशक ललित कुमार ने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी का प्रतिवेदन सारांश डॉ. अजय शर्मा, प्रदेश शिक्षण प्रशिक्षण प्रमुख विद्या भारती ने पढ़ा। संगोष्ठी के संयोजक प्रो डॉ. अनूप कुमार गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ. प्रणव शास्त्री ने किया।
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