राजस्थान के बारां जिले से ममता भरी सच्ची कहानी सामने आई है । कहानी के मुख्य किरदार 2 महिला पुलिसकर्मी और ढाई महीने की एक बच्ची है। इस भयंकर गर्मी में दूध के लिए तड़प रही बच्ची को यशोदा बंद दोनों महिला कॉन्स्टेबल ने अपना दूध पिलाया और उसके बाद बच्ची की जान बचाई। बच्ची का पिता नशे का आदी है उसने नशे के चक्कर में बच्ची की जान लगभग ले ही ली थी। पूरे जिले में दोनों महिला कांस्टेबलों की चर्चा है और यह चर्चा बारां जिले से निकलकर जयपुर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों तक पहुंच चुकी है। अफसर महिला पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने की तैयारी कर रहे हैं। 3 दिन पहले की घटना के वीडियो मदर्स डे से पहले जमकर वायरल हो रहे हैं।
दरअसल जिले के सारथल थाने में तैनात महिला कॉन्स्टेबल मुकलेश और पूजा ने मासूम बच्चे की जान बचाई। उसे कई घंटे तक आंचल से लगाया था। थाना अधिकारी ने बताया कि बच्ची का पिता नशे का भयंकर आदि है। इसी कारण से कुछ दिन पहले पत्नी से विवाद हुआ और उसके बाद पत्नी चली गई। पत्नी ने बच्ची को साथ ले जाने की कोशिश की लेकिन उसके पिता ने उसे नहीं जाने दिया। 3 दिन पहले पुलिस को सूचना मिली कि गांव में एक युवक और एक बच्ची झाड़ियों में पड़े हैं।
पुलिस दल पहुंचा तो पता चला कि व्यक्ति शराब के नशे में पड़ा था और बच्ची भी पास में भूख प्यास से बिलखती हुई लगभग अचेत हालत में पड़ी थी । दोनों को तुरंत थाने लाया गया। कुछ देर में बच्ची के पिता को तो होश आ गया लेकिन बच्ची भूख प्यास से व्याकुल रही। कॉन्स्टेबल मुकेश और कांस्टेबल पूजा ने बारी-बारी से बच्ची को अपने आंचल से लगाया उसकी तीमारदारी की और उसे अपना दूध पिलाया। कई घंटों तक बच्ची को आंचल से चिपकाए दोनों मां ने उसे यशोदा मां का प्यार दिया। बाद में बच्ची की मां को उसके गांव से बुला लिया गया और बच्ची उसे सौंप दी गई।
थानाधिकारी ने बताया कि पूजा और कमलेश करीब 1 साल पहले ही मां बनी है । दोनों कांस्टेबलों के इस पुनीत कार्य की बारां जिले से लेकर पुलिस मुख्यालय तक जयपुर मुख्यालय तक चर्चा हो रही है। अब मदर डे से पहले इन दोनों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है । कॉन्स्टेबल अखिलेश और पूजा का कहना था कि उन्होंने कोई बड़ा काम नहीं किया बस जो बच्ची मिली उस बच्ची में अपने बच्चों को देखा और उसे बचाने में जुट गए।
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