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कोलंबो। डूबते श्रीलंका में भी नेता और प्रभावशाली लोग फायदा उठा रहे हैं। नेटिज़न्स ने नरहेनपिटा पुलिस ट्रांसपोर्ट डिवीजनमें कुछ चुनिंदा वाहनों में कम कीमत पर पेट्रोल भरे जाने का मामला उछाला है। बता दें कि नेटीजन शब्द का प्रयोग इंटरनेट इंटरनेट पर अति-सक्रिय यूजर्स के लिए किया जाता है। सोशल मीडिया पर लिखा जा रहा है कि कुछ वीडियो फुटेज से पता चलता है कि इन पेट्रोल पंपों पर कुछ वाहनों में 121 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल भरा जा रहा है, जबकि अन्य फिलिंग स्टेशनों पर आम कन्ज्यूमर्स को यही पेट्रोल 300 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। नेटिजन्स का आशय नेताओं और प्रभावशाली लोगों से है। एसजेबी सांसद थलता अथुकोरला ने बुधवार (18 मई) को संसद में बोलते हुए कहा-“पुलिस महानिरीक्षक को सरकार द्वारा सभी संसद सदस्यों को ईंधन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। लेकिन इस फैसले ने हमें खतरे में डाल दिया है। सांसदों को ईंधन के लिए विशेष ट्रीटमेंट देना गलत है, जबकि देश में लोगों को घंटों और समय पर ईंधन के लिए लाइन में इंतजार करना पड़ता रहा है।
श्रीलंका अपने स्वतंत्र इतिहास(1948) के बाद सबसे खराब आर्थिक स्थिति में है। यहां भोजन से लेकर रसोई गैस तक हर चीज की कमी है। कीमतों में लगभग 30% की वृद्धि हुई है।
श्रीलंका के लोगों को गैसोलीन यानी रसोई ईंधन के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। डिफ़ॉल्ट के कगार पर खड़े श्रीलंका के पास ईंधन शिपमेंट के लिए भुगतान करने के लिए कोई डॉलर नहीं है। ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने बुधवार को संसद को बताया कि गैसोलीन के पहले शिपमेंट के लिए सप्लायर्स का अभी भी $ 53 मिलियन का बकाया है।
श्रीलंकाई संसद में कल उस समय तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई, जब देश में हालिया हिंसा पर बहस के दौरान एसएलपीपी के कई सांसदों ने जेवीपी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के भाषण के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सांसद तो डिसनायके को हत्यारा तक कहने लगे। हालांकि डिसानायके ने कहा कि हिंसा में जेवीपी के किसी सदस्य के शामिल होने में कोई संदेह है, तो वे जांच कराने से नहीं डरते। सांसद अरुंडिका फर्नांडो ने तर्क दिया कि आईजीपी ने कहा था कि हाल की हिंसा में गिरफ्तार किए गए करीब 400 लोगों में से करीब 150 जेवीपी के सदस्य थे। इस पर दिसानायके ने चुटकी लेते हुए कहा कि शायद आईजीपी ने ही उन्हें जेवीपी की सदस्यता दी होगी। सांसद शांता बंडारा ने कहा कि उनके घर पर हमला करने वाली भीड़ में एक प्रमुख जेवीपी कार्यकर्ता भी शामिल है।
बता दें कि 16 मई को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने देश को संबोधित करते हुए साफ शब्दों में कहा था-‘मैं देश से झूठ नहीं बोलूंगा। हालात बेहद खराब हैं।
पीएम चेतावनी दे चुके हैं कि अगर हालात नहीं सुधरे तो बिजली कटौती 15 घंटे तक रोज बढ़ सकती है। इस बीच स्थानीय मीडिया में कई खबरें आ रही हैं, जिसमें लिखा जा रहा कि ट्रेड यूनियन नेताओं के पास सभी सुख-सुविधाएं हैं और उनके लिए किसी तरह की कोई कमी नहीं है। जबकि आमजन परेशान हैं।
पहले कोरोना और अब आर्थिक संकट ने श्रीलंका एयरलाइंस को धड़ाम से पटक दिया है। श्रीलंका एयरलाइंस की वार्षिक रिपोर्टने 2006 से 2021 तक का डेटा निकाला है। इसके अनुसार श्रीलंका एयरलाइंस कंपनी को 302 बिलियन का नुकसान हुआ है।
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