मूसेवाला की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराबर का नाम सोशल मीडिया चर्चा, दोनों ने ली हत्या की जिम्मेदारी

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस बीच गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई का नाम इतनी बार चर्चा में आ गया कि पुलिस भी हैरान परेशान है। सोशल मीडिया पर इन्हीं दोनो के नाम छाए हुए हैं। दोनों ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है। लॉरेंस तिहाड़ दिल्ली में बंद हैं और गोल्डी कनाडा से गैंग ऑपरेट कर रहा है। बताया जा रहा है कि लॉरेंस के पास भी विदेशी नंबरों की सिम है, जिसे ट्रेस करना आसान नहीं है और इसी के आधार पर वह अपने साथियों और गुर्गों से संपर्क में है। इधर, राजस्थान से भी लॉरेंस का कनेक्शन सामने आ रहा है।

पांच लाख रुपए के इनामी गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर तो राजस्थान पुलिस ने कर दिया लेकिन इससे पहले ही उसके इतने गुर्गे बन गए थे कि वे अभी भी अपराध की राह पर हैं। लॉरेंस की आनंदपाल से मुलाकात करीब छह साल पहले अजमेर सेंट्रल जेल में हुई थीं। लॉरेंस को दिल्ली से प्रोडेक्शन वारंट पर लाया गया था और यहां पर रखा गया था। यहां पर बंद आनंदपाल से उसने डील की थी कि पंजाब और दिल्ली में आनंदपाल किसी तरह का अपराध करना चाहेगा तो लॉरेंस मदद करेगा। लॉरेंस राजस्थान में वसूली करना चाहेगा तो आनंदपाल बीच में नहीं आएगा। इसी डील पर कुछ दिन काम भी हुआ लेकिन उसके बाद आनंदपाल का एनकाउंटर कर दिया गया।

लॉरेंस विश्नोई छह साल के दौरान राजस्थान की चार जेलों में करीब सात महीने तक रहा। इस बीच उसे राजस्थान की सबसे सख्त जेल अजमेर के घूघरा मे बनी हाई सिक्योरिटी जेल में भी रखा गया। वह जयपुर, बीकानेर और अजमेर सेंट्रल जेल में भी रहा। इस दौरान जेल में खाने पीने से लेकर मोबाइल फोन तक सभी सामान की सप्लाई चोरी छुपे जारी रही। आनंदपाल के गुर्गों की ये जिम्मेदारी थी कि लॉरेंस को किसी तरह की परेशानी जेल में ना हो, ऐसा हुआ भी। उसने जेल से बैठे बैठे ही अपने गैंग ऑपरेट की और जेल में रहने के दौरान भी अपने कुछ साथियों से मर्डर कराए। पंजाब और हरियाणा में ये मर्डर किए गए। आनंदपाल से दोस्ती और पक्की करने के लिए उसके गुर्गे सुभाष के कहने पर लॉरेंस के शूटर्स ने सीकर में आनंदपाल के खास दुश्मन को गोली मार दी थीं। आनंदपाल और लॉरेंस अजमेर स्थित घूघरा जेल में काफी समय तक रहे थे।

लॉरेंस पर राजस्थान में अलग अलग जिलों में तेरह केस दर्ज हैं। सबसे पहले साल 2016 में उसने जोधपुर के दो कारोबारियों से रंगदारी मांगी थी। रंगदारी नहीं देने पर उनके घर के बाहर फायर करवाए थे। जांच पडताल में सामने आया था कि जेल में बैठा लॉरेंस यह रंगदारी मांग रहा था। उसके बाद उसे पूछताछ के लिए लाया गया और फिर अजमेर जेल में रखा गया। उसके बाद जयपुर, अजमेर, जोधपुर में भी उस पर कई केस दर्ज हुए। कुछ समय पहले उसे दिल्ली की तिहाड जेल से हाई सिक्योरिटी में जयपुर के गांधी नगर थाने में पूछताछ के लिए लाया गया था। उस समय पर उस पर 13 केस दर्ज थे।

 

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