ब्लैक फंगस को लेकर महाराष्ट्र में अफरातफरी, महंगी दवा और कम सप्लाई से मरीज़ परेशान

मुंबई। महाराष्ट्र में इस बीच ब्लैक फंगस की बीमारी ने लोगों को डरा दिया है। राज्य में अब तक ब्लैक फंगस की चपेट में आने से 90 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच इस फंगस को मात देने वाली दवाइयों की कीमत और सप्लाई से भी लोग खासे परेशान हैं. महाराष्ट्र में अब तक ब्लैक फंगस के 1500 मरीज़ मिले हैं, जबकि ये संख्या हर रोज़ लगातार बढ़ रही हैं।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की मांग सौ गुना बढ़ गई है। महामारी से पहले के दिनों में इस इंजेक्शन की मांग हर महीने करीब 300 थी। जो अब 3 लाख तक पहुंच गई है। औसतन एक मरीज़ को डॉक्टर इन दिनों 90 से 100 इंजेक्शन लेने को कह रहे हैं। एक इंजेक्शन की कीमत 6 से 8 हज़ार रुपये के बीच है. लिहाज़ा ब्लैक फंगस का इलाज करवाने वाले मरीज़ खासे परेशान हैं।

मरीज़ परेशान
मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में इलाज करा रहे एक मरीज ने अखबार को बताया कि अस्पताल ने भी इंजेक्शन के इंतजाम करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। परिवार ने अब इसके लिए बीएमसी से मदद मांगी है। मरीज के बेटे ने कहा, ‘हमने लाखों खर्च कर दिए हैं और अब तक हमें सिर्फ 30 इंजेक्शन मिले है। जबकि मेरे पिता को 100 इंजेक्शन की जरूरत है। पुणे में हमें कुछ इंजेक्शन मिले हैं, लेकिन वो भी हमें महंगी मिली है।

लगातार बढ़ रही है डिमांड
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने केंद्र से आवंटन बढ़ाने और निर्माताओं को सीधे राज्य सरकार को बेचने की अनुमति देने का आग्रह किया है। राज्य सरकार ने 1.90 लाख एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन का ऑर्डर दिया है, लेकिन अभी तक उन्हें नहीं मिली है। कहा जा रहा है कि कलेक्टर और जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल की मांगों के आधार पर इंजेक्शन वितरित किए जाएंगे। केमिस्टों को अब ऐंटिफंगल दवा का स्टॉक करना मुश्किल होगा. कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र को हर दिन 10 हज़ार इंजेक्सन की जरूरत है।

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