छात्राओं से इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर ब्लैकमेल करने वाला गैंग सक्रिय है। दोस्ती करने के बाद अश्लील फोटो तैयार कर गैंग द्वारा ब्लैकमेल किया जाता है। इसमें भी स्कूली छात्र शामिल हैं। इनके पास छात्राओं की वाट्सएेप चेट, वीडियो और एडिटिड फोटो हैं। सिकंदरा क्षेत्र की एक 11वीं की छात्रा को गैंग ने शिकार बना लिया। छात्रा के सामने न आने पर एक संस्था ने सिकंदरा थाने में जान से मारने की धमकी देने और आइटी एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत कराया है।
शास्त्रीपुरम निवासी संस्था के पदाधिकारी ने इस संबंध में महिला आयोग में शिकायत की थी। पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए।इसके बाद एसीपी हरीपर्वत मयंक तिवारी ने शिकायतकर्ता को बुलाया। शिकायतकर्ता से पूछा कि पीड़िता कहा है? शिकायत कर्ता ने बताया कि पीड़िता सामने नहीं आना चाहती। उनके पास साक्ष्य हैं।इसके आधार पर पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर लिया।
आरोप है कि गैंग में सक्रिय छात्र और युवकों के पास 300 छात्राओं की चेट, फोटो और वीडियो हैं। मोबाइल हैक करके इन्हें हासिल किया गया है। धर्मेंद्र चौधरी नाम के युवक ने एक छात्रा को धमकाया था। उस पर मिलने का दबाव बनाया था। छात्रा ने उसकी कॉल रिकार्ड कर ली। संस्था के अध्यक्ष की ओर से की गई जांच में पता चला कि छात्रा को धमकाने वाले धर्मेंद्र चौधरी के पास जो फोन है वह लखनपुर निवासी धीरज चौधरी का है। धीरज चौधरी से संस्था के अध्यक्ष ने अपने स्तर से पूछताछ की। एक वीडियो बनाया। उसने वीडियो में यह कहा कि उनके साथी छात्रों को ब्लैकमेल करते हैं। पहले छात्राओं से दोस्ती करते हैं। उनसे चेट करते हैं। वीडियो कॉल करते हैं। बाद में उनकी चेट दूसरे युवक को दे देते हैं।
इंस्पेक्टर सिकंदरा आनंद साही ने बताया कि तहरीर के अनुसार, अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। इसमें आठ युवक नामजद हैं और 20- 25 अज्ञात शामिल हैं। सभी आरोपित नाबालिग हैं। बिना पीड़िता के अपराध साबित नहीं हो सकता। यह हो सकता है बड़बोलापन हो। छात्र ने दहशत में कैमरे के आगे कुछ बोला हो। आरोप लगाया है कि मामला 300 लड़कियों के शोषण का है। एक भी पीड़िता अभी तक पुलिस के पास नहीं है।
एसीपी हरीपर्वत मयंक तिवारी ने बताया कि मुकदमा के बाद जांच शुरू कर दी गई है। वीडियो में एक युवक कुछ बात स्वीकार कर रहा है। किन परिस्थितियों में वीडियो बनाया गया। किसे परेशान किया गया। किस तरह ब्लैकमेल किया गया। किसका उत्पीड़न हुआ? पुलिस इसकी जांच करेगी। कार्रवाई के लिए पीड़िता का होना जरूरी है।
गैंग की जानकारी होने पर छात्राओं के अभिभावक चिंतित हैं। छात्राएं इंस्टाग्राम और फेसबुक का पर सक्रिय रहती हैं। ऐसे में कहीं उनका डाटा तो गैंग के पास नहीं चला गया। इसको लेकर वे परेशान हैं।
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