जीएसटी के विरोध में जिले की सभी अनाज मंडी बंद, मथुरा, कोसीकलां, राया गोवर्धन और वृंदावन की मंडियों में नहीं हुई खरीद

वरिष्ठ संवाददाता
यूनिक समय/ मथुरा। जीएसटी के विरोध में जिले की सभी अनाज मंडियों में शनिवार को हड़ताल रही। इसमें व्यापारियों ने खाद्यान्न व तिलहन पर लगाई जा रही जीएसटी का विरोध किया। इससे मंडी परिषद को लाखों रुपये के राजस्व की हानि हुई।

विदित हो कि केंद्र सरकार ने 18 जुलाई से देश भर में खाद्यान्न व तिलहन पर जीएसटी लगाने का निर्णय लिया है। इससे व्यापारियों में रोष व्याप्त हो गया है। शनिवार को अनाज व्यापारी संगठनों के आह्वान पर देशभर की अनाज मंडियों में हड़ताल रही। इसके समर्थन में जिले की नवीन कृषि उत्पादन मंडी समिति मथुरा, कृषि उत्पादन मंडी समिति कोसीकलां, उप मंडी समिति राया, उप मंडी समिति गोवर्धन, उप मंडी समिति वृंदावन आदि सहित अन्य अनाज मंडियों में भी हड़ताल रही। मथुरा मंडी समिति में इसका व्यापक असर देखने को मिला। इस दौरान मथुरा की अनाज मंडी में सभी आढ़तें पूरी तरह बंद थी। कहीं भी एक भी दाने अनाज की खरीद होती नहीं देखी गई। इससे मंडी में अनाज बेचने आए किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वही मंडी परिषद को भी लाखों रुपए के राजस्व की हानि हुई।

दो आढ़तियों में हुए विवाद के कारण मथुरा में अनाज मंडी पहले से ही कई दिन से बंद चल रही थी। शुक्रवार को सुलहनामा के बाद अनाज मंडी खुली थी, जो आज हड़ताल के कारण फिर से बंद हो गई। अब मंडी रविवार को अवकाश में भी बंद रहेगी और दो दिन बाद सोमवार को ही खुलेगी। अनाज मंडी एसोसिएशन के महामंत्री दीनदयाल अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने 25 किलो से नीचे के सभी ब्रांडेड और अनब्रांडेड अनाज पर जीएसटी लगाने का गलत फैसला लिया है। मंडी के व्यापारी पहले से ही मंडी टैक्स एवं सेस अदा कर रहे हैं। इसके बाबजूद उनके अनाज पर टैक्स लगाया जाना गलत है। अनाज कारोबारी जीतू चौधरी ने बताया की खाद्यान्न और तिलहन पर टैक्स लगा कर सरकार ने आम आदमी के भोजन पर नया टैक्स लगा दिया है। इसी के विरुद्ध व्यापारियों ने आज देशभर में एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की है। यदि जीएसटी नहीं हटाए गए तो अनाज व्यापारी बड़े आंदोलन को मजबूर होगा।

18 जुलाई से और महंगाई और बढ़ाएगी जीेएसटी
मथुरा। दूध—दही जैसे अनेक पैक्ड खाद्य पदार्थों व अन्य वस्तुओं पर 18 जुलाई से जीएसटी लग जाने से कई वस्तुओं पर महंगाई की मार और बढ़ने जा रही है। आटा, दूध, टेट्रा पैक दही, लस्सी, बटर मिल्क समेत कई वस्तुओं पर महंगाई का असर साफ दिखाई देगा। हालांकि पड़ोसी जिले आगरा में इस जीएसटी के विरोध में व्यापारियों ने हड़ताल शुरु कर दी है, अब मथुरा के व्यापारी भी आंदोलन में कूद पड़े हैं। कुछ भी हो जीएसटी का असर तो बाजार में पड़ेगा ही।

जीएसटी को लेकर भले आम लोगों को अभी अनुमान न हो किंतु 18 जुलाई से बाजार में जाने पर जीएसटी का प्रभाव मालूम पड़ेगा। यूनिक समय की टीम ने जीएसटी के बारे में आम लोगों से बातचीत की। निष्कर्ष यह निकल कर आया कि आखिर कहां जाकर रुकेगी। सरकार तो सरकारी खजाने को भरने के लिए जीएसटी लगाकर महंगाई को बढ़ावा दे रही है। इस सरकार से महंगाई कम करने की उम्मीद करना बेकार है। वैसे ही बाजार में किसी वस्तु के दाम बढ़ गए, वह कम होने वाले नहीं हैं। सरकार ने हास्पीटल के बैडों पर भी जीएसटी लागू कर दी।

 

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