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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिजली कर्मचारियों के धरने प्रदर्शन को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि हड़ताल करने वालों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने यह भी कहा कि इनका वेतन रोक कर नुकसान की भरपाई करें।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मियों की हड़ताल पर कठोर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि कर्मियों की हड़ताल 6 दिसंबर 22 के आदेश की अवहेलना है। कहा कि जनता को बिजली चाहिए, सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आपूर्ति कराए।
सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि हड़ताल से करीब 20 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस पर कोर्ट ने कहा हड़तालियों के वेतन रोक कर क्यों न हो नुकसान की भरपाई। सरकार को भी फटकार लगाई कि हड़तालियों पर 600 एफआइआर दर्ज की गई साथ ही वारंट जारी किया तो गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ कर रही है। अपर मुख्य सचिव पावर विभाग ने अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल किया।
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