यूनिक समय, मथुरा। श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास ने कृष्ण जन्म भूमि को मुक्त करने और वहां एक विशाल व भव्य मंदिर निर्माण कराने के आंदोलन की दिशा में गुरुवार को एक और बड़ा ऐलान किया है। इसकी अनौपचारिक शुरुआत 11 जनवरी को कृष्ण जन्म भूमि के मुख्य द्वार से हो जाएगी, लेकिन औपचारिक घोषणा 17 जनवरी को साधु संतों के साथ प्रयागराज के महाकुंभ से होगी। एक फरवरी से महाकुंभ में महासंवाद कार्यक्रम होगा। यह कार्यक्रम भगवान श्री कृष्ण जी के मंदिर निर्माण के कार्य में मील का पत्थर साबित होगा।
कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे आंदोलन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कृष्ण जन्म भूमि के ही एक हिस्से पर विदेशी आक्रांताओं ने भगवान श्री कृष्ण के मंदिर को तोड़ कर वहां मस्जिद का निर्माण करा दिया गया था। इस स्थान पर वर्तमान में मस्जिद है, वही स्थान मूल गर्भ गृह का है। मस्जिद को हटाकर वहां मन्दिर निर्माण कराने के लिए श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास का देश विदेश में चल रहे आंदोलन को और तेज करने के साथ ही हिन्दू समाज को जागृत करने के लिए अब हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जा रहा है। इसकी अनौपचारिक शुरुआत तो 11 जनवरी को कृष्ण जन्म भूमि के मुख्यद्वार से होगी, लेकिन औपचारिक शुरुआत 17 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ से होगी।
उन्होंने बताया कि एक फरवरी से महासंवाद महाकुंभ से होगी। महासंवाद में शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वर, आचार्य, महंत, भागवताचार्य और कथा प्रवक्ताओं भी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि यहां से पूरी दुनिया में एक बड़ा संदेश जाएगा कि अब हिन्दू जाग गया है। वह अपना हक मांग रहा है और उसे प्राप्त करके रहेगा। यही लड़ाई श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास लड़ रहा है।
संत गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का मंदिर पांच हजार साल पहले का है, लेकिन विदेशी आक्रांता तो चार पांच सौ साल पहले आए थे। मुस्लिमों ने भारत आ करके मंदिरों को तोड़ा और मस्जिद बनाई। श्री कृष्ण जी का मंदिर बनना चाहिए। संत डॉ. आदित्यानंद महाराज ने कहा कि अब तो बस न्यायालय से आदेश मिलने की देरी है, मंदिर तो बनेगा ही। इस मौके पर श्यामानंद जी महाराज, प्रदीपानंद महाराज, आरबी चौधरी, कुंवर जितेंद्र सिंह, अधिवक्ता डीडी चौहान एवं मोनू ठाकुर आदि मौजूद थे।
Leave a Reply