अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ध्रुवीकरण करने का लगाया आरोप

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव में जनता का जो भी फैसला होगा, वह कांग्रेस को शिरोधार्य होगा. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि जनादेश कांग्रेस के पक्ष में आएगा. उन्होंने कहा कि कल आने वाले चुनाव परिणाम से तय हो जाएगा कि देश किस दिशा में जा रहा है. दिल्ली से जयपुर लौटे गहलोत ने कहा, ”कल पहले परिणाम आने दीजिए और उसके बाद बात करेंगे कि देश किस दिशा में जा रहा है. देश की दशा और दिशा कल के जनादेश पर निर्भर करेगी, ऐसा मेरा मानना है. यह लोकतंत्र है, लोकतंत्र में लोग किस रूप में जनादेश देते हैं इस पर निर्भर करेगा कि देश किस दिशा में जाएगा.”

 

आम चुनावों की गुरुवार को होने वाली मतगणना पर टिप्पणी करते हुए गहलोत ने कहा, ”कल परिणाम आएंगे, अच्छे परिणाम आएंगे. एग्जिट पोल पहले भी कई बार सत्य साबित नहीं हुए है. ऐसा ही कल लग रहा है और अच्छे परिणाम आने की हमें पूरी उम्मीद है.” जोधपुर सीट पर बेटे वैभव गहलोत की जीत के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा, ”जनता का जो भी फैसला होगा, वह हमें शिरोधार्य होगा. हम उसको पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करेंगे. हमें विश्वास है कि जनता का जनादेश हमारे पक्ष में आएगा. जो भी आएगा उसे हम नम्रता के साथ स्वीकार करने जा रहे हैं और हर राजनीतिक दल को करना भी चाहिए.” उन्होंने बीजेपी पर मुद्दाविहीन चुनाव लड़ने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया.

गहलोत ने कहा, ”कभी केदारनाथ, बद्रीनाथ जाओ…कभी आप ध्यान में बैठ जाओ और पूरे देश में ध्रुवीकरण का संदेश दो. निर्वाचन आयोग को सोचना चाहिए कि क्या उसने अपना दायित्व निभाया.” उन्होंने कहा, ”मैं समझता हूं कि पूरे चुनाव का ध्रुवीकरण का प्रयास किया गया, बिना एजेंडे के चुनाव लड़ा गया. बीजेपी ने मुद्दा आधारित राजनीति नहीं की. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रभक्ति, सेनाओं और मंदिर के नाम पर चुनाव जीतने का प्रयास किया अब देखते हैं वह कितने सफल होते हैं.”

गहलोत के साथ विमान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी जयपुर लौटीं. इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं मालूम था कि मैडम वसुंधरा राजे भी इस विमान में हैं. वह फर्स्ट क्लास में थीं और मैं पीछे इकनामी क्लास में था. मुझे तो यहीं पता चला कि वसुंधरा जी भी इसी उड़ान में थीं. उतरते समय मेरी बारी देरी से आई वरना मैं जरूर उनको नमस्कार करता. वे विदेश से लौटी हैं इसलिए मैं उनको शुभकामनाएं देता लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई.”

 

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