यूनिक समय, नई दिल्ली। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य उत्तरायण की ओर अर्थात मकर रेखा से उत्तर दिशा में प्रस्थान करेंगे। इस कारण मकर संक्रांति को उत्तरायणी भी कहा जाता है।
दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान के संस्थापक ज्योतिषाचार्य कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि 14 जनवरी को प्रात: 8.56 पर भगवान भास्कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। पूरे दिन पुण्य काल रहेगा। प्रात: 10.16 बजे से पुष्य नक्षत्र भी लग जाएगा इससे मकर संक्रांति का महत्व और भी अधिक बढ़ जाएगा। इस दिन भगवान सूर्य देव के साथ साथ भगवान विष्णु जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मथुरा महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने कहा कि जरुरतमंद लोगों को अन्न, ऊनी वस्त्र आदि उपयोगी वस्तुओं का दान करने से कई गुना फल प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि इस दिन खिचड़ी, गुड़ और तिल से बने पदार्थ भी दान करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य दीपक पंकज ने बताया कि महाराष्ट्र में मकर संक्रान्ति को तालगूल कहते हैं।
मकर संक्रांति से एक दिन पहले हरियाणा, पंजाब, हिमाचल सहित पूरे देश में पंजाबी समाज द्वारा लोहड़ी पर्व मनाया जाता है। यह पर्व आपसी सदभाव और प्रेम का पर्व होता है। इस अवसर पर शरद सौरभ शास्त्री ने कहा कि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस बार मेष, सिंह एवं मकर राशि के लिए मकर संक्रांति का पर्व विशेष लाभदायक रहेगा। इस अवसर पर ऋषभ, गोविंद, तरुण, अरुण व वरुण नागर ने विचार व्यक्त किए।
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