विशेष संवाददाता
गोवर्धन। कार्तिक नियम सेवा एवं चातुर्मास व्रत के समापन पर राधाकुंड में सोमवार को देवोत्थान एकादशी पर निकाली गई नगर कीर्तन परिक्रमा में भक्ति की धारा प्रवाहित हुई। हजारों अनुयायियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भोर बेला से ही झालर-मजीरों की धुन पर राधा-श्यामकुंड की परिक्रमा करते भक्त दिखाई दिये।
एक माह तक हुए भागवत परायण के बाद भक्तों ने भाव में सिर पर श्रीमद्भागवत ग्रंथ, गीता व तुलसी को सिर पर धारण किया। नगर कीर्तन परिक्रमा का शुभारंभ राधा-गोपीनाथ मंदिर से श्रीपाद रघुनाथ दास गोस्वामी गद्दी के गद्दीनशीन महंत केशव दास महाराज ने वाद्य यंत्रों का पूजन कर किया। फिर सामूहिक गान के बीच ठाकुर जी का स्मरण किया।
नगर कीर्तन परिक्रमा में सुंदर वाला सचि दुलाला, नाचत हरि कीर्तन में, कोई गावत पंचम ताले, कोई गावत प्रेम तरंगे, कोई-कोई नाचत आंगन में… की धुन पर हजारों श्रद्धालुओं नाचने लगे। परिक्रमा में निताई-गौर व राधारानी की जय-जयकार से पूरा माहौल भक्तिमय नजर आया। कलकत्ता से आई मीरा दासी ने बताया कि वे 31 वर्ष से राधाकुंड कार्तिक नियम सेवा करने आ रही हैं। एक साल कोरोना संक्रमण काल के चलते आ नहीं पाई थीं। इस बार राधाकुंड में आनंद रस की खूब वर्षा हुई है। ऐसा आनंद दुनिया में नहीं है।
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