
नई दिल्ली। आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती है। उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। 2014 से, उनके जन्मदिवस को हर साल से सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। लेकिन 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया था। कुशल राजनेता होने के साथ ही बाजपेयी जी को खाने-पीने का बहुत शौक था। उन्हें लड्डू, कुल्फी, ठंडई से लेकर मछली और मीट भी खूब पसंद था। आइए आज उनकी जयंती पर हम आपको बताते हैं अटल बिहारी वाजपेयी की फेवरेट डिशेज…
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्णा बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था। ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने के बाद भी खाने-पीने को लेकर उनकी सोच काफी अलग थी।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अटल बिहारी बाजपेयी को ग्वालियर के बहादुरा के बूंदी के लड्डू और दौलतगंज की मंगौड़ी बेहद पसंद थी। इतना ही नहीं उन्हें भिंड मुरैना की गजक, जले खोए के पेड़े के साथ-साथ ठग्गू के लड्डू, बदनाम कुल्फी और मालपुआ-खीर भी उन्हें खूब पसंद थी।
अटल जी को मीठे का बहुत शौक था। एक बार की बात है जब उन्हें गुलाब जामुन से दूर रखने के लिए उन्हें बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित से मिलवा दिया था, ताकि उनका ध्यान गुलाब जामुन से हट सकें। ऐसा इसलिए, क्योंकि उस समय उन्हें मीठे से सख्त परहेज करना था।
मीठे के अलावा बाजपेयी जी को नॉनवेज का भी बहुत शौक था। उन्हें झींगा मछली खूब पसंद थी। अक्सर वे प्रॉन की डिश खाते थे। कहा जाता है कि भोपाल से उनका पसंदीदा मुर्ग मुसल्लम पैक करवा कर दिल्ली भी पहुंचाया जाता था।
अटल बिहारी बाजपेयी भांग का भी सेवन करते थे। उनके लिए स्पेशल उज्जैन से भांग आती थी। उनकी होली बिना ठंडाई के पूरी नहीं होती थी।
अलग-अलग तरह का खाना खाने के अलावा अटल जी को खाना बनाने का भी बहुत शौक था। इस तस्वीर में देखिए कि किस तरह अपने घर में वह किचन में खाना बनाते नजर आ रहे हैं।
एक बार अटल जी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि ‘मुझे खाना बनाना भी पसंद है। खिचड़ी, हलवा, खीर अच्छा बनाता हूं। इसके लिए वक्त निकाल लेता हूं।’
बता दें कि अटल जी तीन बार देश प्रधानमंत्री पद पर रहे, पहली बार 1996 में वे 13 दिन, दूसरी बार में उन्होंने 1998-1999 में 13 महीने सरकार चलाई। इसके बाद फिर वह पूरे 5 साल के लिए प्रधानमंत्री बने रहे।
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