यूनिक समय ,नई दिल्ली। कजाकिस्तान में अजरबैजान एयरलाइन्स के एम्ब्रेयर 190 विमान के क्रैश होने से रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में एक नया मोर्चा खुल गया है। यूक्रेन की तरफ से यह आरोप लगाया गया है कि क्रिसमस के दिन अजरबैजान से रूस जा रहे विमान का कजाकिस्तान में हुए क्रैश लैंडिंग के पीछे रूस का हाथ था। यूक्रेनी मीडिया में यह दावा किया जा रहा है कि क्रिसमस के दिन चेचन्या में यूक्रेन ने ड्रोन से हमले किए थे जिसे रोकने के लिए रूस ने एयर डिफेंस मिसाइल का इस्तेमाल किया था और इन्हीं मिसाइलों से अजरबैजानी प्लेन को नुकसान पहुंचा और आखिरकार क्रैश हो गया।
अजरबैजान के बाकू से रूस के चेचन्या जा रहे प्लेन के पायलट ने यह सूचना दी थी कि प्लेन के सामने बहुत से पक्षियों का झुंड आ गया है। माना जा रहा है कि पक्षियों के झुंड से प्लेन के टकराने की वजह से ही प्लेन के इंजन और दूसरे पार्ट को भारी नुकसान पहुंचा और उसे देख पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला लिया। प्लेन काफी देर तक उस वक्त कजाकिस्तान के पश्चिमी इलाकों पर मंडराता रहा। कजाकिस्तान के अकताऊ एयरपोर्ट पर प्लेन की लैंडिंग के दौरान वो क्रैश हुआ। लेकिन सवाल उठ रहा है कि पायलट जिसे पक्षियों का झुंड मान रहे थे क्या असल में वो काफी संख्या में ड्रोन थे?
वीडियो फुटेज और शुरुआती जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्लेन पर कोई बाहरी हमला हुआ था। विशेषज्ञों का कहना है कि पायलट की रिपोर्ट और क्रैश साइट पर मिले सबूत संकेत देते हैं कि विमान को बाहरी रूप से कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा था और ना ही लैंडिंग से पहले विमान में आग लगी हुई थी। मिसाइल या ड्रोन के हमले के बाद विमान में आग लगने, विमान के एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने की संभावना होती है जबकि ऐसा कुछ वीडियो में दिख नहीं रहा है।
पक्षियों के झुंड का अचानक आना या उससे विमानों का नुकसान पहुंचना कोई नई बात नहीं है। रूस या कजाकिस्तान के अधिकारियों की शुरुआती जांच रिपोर्ट के मुताबिक, विमान तकनीकी खराबी के कारण गिरा। हालांकि, यूक्रेनी अधिकारियों ने इसे रूसी प्रोपेगंडा करार देते हुए जांच की मांग की है। उनके अनुसार, रूस इस घटना का दोष छिपाने के लिए अजरबैजानी विमान पर पक्षियों के झुंड के टकराने का बहाना बना रहा है।
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