
यूनिक समय, नई दिल्ली। बांग्लादेश इन दिनों गंभीर राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है। उन्होंने हाल ही में एक अहम बैठक में स्पष्ट किया कि वर्तमान परिस्थितियों में शासन करना उनके लिए अत्यंत कठिन हो गया है। उनका यह बयान देश के राजनीतिक तंत्र की गहराई तक फैली समस्या की ओर इशारा करता है।
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा कि वह खुद को “बंधक” जैसा महसूस कर रहे हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि देश के भीतर लोकतांत्रिक प्रक्रिया किस हद तक अवरुद्ध हो चुकी है। राजनीतिक दलों के बीच न्यूनतम सहमति न बन पाने के कारण शासन प्रणाली पूरी तरह चरमरा गई है।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब यह बात सामने आई कि यूनुस सरकार ने अमेरिका के सहयोग से म्यांमार सीमा पर एक मानवीय गलियारा स्थापित करने की गुप्त योजना बनाई थी। इस कदम से सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान नाराज हो गए। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि दिसंबर तक चुनाव कराए जाएं, अन्यथा परिणाम भुगतने होंगे। इससे नागरिक प्रशासन और सैन्य नेतृत्व के बीच गहरी दरार उजागर हो गई है।
देश भर में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं। छात्र संगठनों और आम नागरिकों के साथ-साथ विपक्षी पार्टियां भी सड़कों पर उतर आई हैं। वे इस वर्ष के अंत तक आम चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार से महफूज आसिफ और खलीलुर्रहमान जैसे नेताओं को बाहर करने की भी मांग उठ रही है।
बांग्लादेश में मौजूदा हालात केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि संस्थागत विफलता की ओर भी इशारा कर रहे हैं, जो आने वाले समय में देश के लिए और भी गंभीर संकट का कारण बन सकते हैं।
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